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Fact Check: शादी समारोह में शामिल होने पहुंची सुप्रिया सुले की तस्वीर गलत दावे के साथ हुई वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल तस्वीर साहित्य सम्मेलन की नहीं, बल्कि एक शादी समारोह की है।

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Dec 10, 2021 at 01:41 PM
  • Updated: Dec 10, 2021 at 05:20 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर यूजर्स राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता सुप्रिया सुले और जितेंद्र आव्हाड की एक तस्वीर तेजी से शेयर कर रहे हैं। तस्वीर में दोनों नेता दुआ पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वायरल तस्वीर साहित्य सम्मेलन की है। महाराष्ट्र में पहले साहित्य सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना से होती थी, लेकिन अब इसकी शुरुआत कुरान की आयतें पढ़कर की जाती है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल तस्वीर साहित्य सम्मेलन की नहीं, बल्कि एक शादी समारोह की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर Arpita Chatterjee ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि यह महाराष्ट्र सरकार ने नई प्रथा शुरू की है पहले साहित्य सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना से होती थी अब साहित्य सम्मेलन की शुरुआत कुरान की आयतें पढ़कर होती हैं।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखें। फेसबुक पर भी इस दावे को यूजर्स जमकर शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल –

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक रिपोर्ट AAPKA PRAHAR TIMES नामक यूट्यूब चैनल पर मिला। 5 मिनट 57 के इस वीडियो को पूरा देखने पर हमने पाया कि वायरल तस्वीर साहित्य सम्मेलन की नहीं, बल्कि एक शादी समारोह की है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, सुप्रिया सुले और जितेंद्र आव्हाड एनसीपी पार्टी के नेता शमीम खान के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। शादी में दुआ पढ़ी गई थी, ये तस्वीर उसी दौरान की है।

पड़ताल के दौरान हमें सुप्रिया सुले के फेसबुक अकाउंट पर इस शादी समारोह का एक वीडियो 4 दिसंबर को अपलोड मिला। सुप्रिया सुले ने इस निकाह के दौरान फेसबुक लाइव किया था। वीडियो में एक मिनट 53 सेकेंड पर वायरल तस्वीर वाला दृश्य देखा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने मिड-डे के सीनियर रिपोर्टर समीउल्लाह खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऐसा कोई एलान नहीं किया गया है कि साहित्य सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना की जगह शुरुआत कुरान की आयतों से होगी। सुप्रिया सुले की तस्वीरों को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर Arpita Chatterjee की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर के 29.2K फॉलोअर्स है और ये अकाउंट जून 2016 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल तस्वीर साहित्य सम्मेलन की नहीं, बल्कि एक शादी समारोह की है।

  • Claim Review : यह महाराष्ट्र सरकार ने नई प्रथा शुरू की है पहले साहित्य सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना से होती थी अब साहित्य सम्मेलन की शुरुआत कुरान की आयतें पढ़कर होती हैं
  • Claimed By : Arpita Chatterjee
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