Fact Check : स्‍कॉलरशिप पाने वाली शाइना की तस्‍वीर फर्जी तरीके से वायरल

पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर के साथ किया गया दावा फर्जी है। दरअसल हमारी पड़ताल में सामने आया है कि तस्‍वीर में दिख रही युवती का नाम साइना अगवान है। झालावाड़ की इस युवती को ब्रिटिश काउंसिल की ओर से एक स्‍कॉलरशिप मिली है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर एक लड़की की तस्‍वीर फर्जी दावे के साथ शेयर की जा रही है। इस तस्वीर में एक लड़की के साथ उसकी मां और पिता भी मौजूद हैं। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि पुलिस इंस्‍पेक्‍टर विजय की बेटी आरोही सिंह आर्मी में कर्नल बन गई हैं। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर के साथ किया गया दावा फर्जी है। दरअसल हमारी पड़ताल में सामने आया है कि तस्‍वीर में दिख रही युवती का नाम शाइना अगवान है। झालावाड़ की इस युवती को ब्रिटिश काउंसिल की ओर से एक स्‍कॉलरशिप मिली है। तस्‍वीर उसी की खुशी मनाते हुए क्लिक की गई थी। तस्‍वीर में उनके साथ एएसआई इशाक मोहम्मद और मां रेहाना अगवान दिख रही हैं। इस तस्‍वीर को फर्जी तरीके से वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

सोशल मीडिया में एक युवती की तस्‍वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसके साथ दावा किया जा रहा है कि ये आरोही हैं। इनका सेलेक्‍शन कर्नल के रूप में आर्मी में हुआ है। फेसबुक पेज ‘भारतीय सेना पर गर्व है’ पर विश्‍व मोहन नाम के एक यूजर ने तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा : ‘पुलिस इंस्पेक्टर विजय की बेटी आरोही सिंह बनी आर्मी में कर्नल..’

इस पोस्‍ट को 28 जून को किया गया। इसे दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को ध्‍यान से देखा। इसमें एक युवती माला पहने हुए दिखाई दीं। इसके अलावा वर्दी में एक शख्‍स उसे कुछ खिलाते हुए नजर आए। इसके अलावा एक महिला इस युवती को आशीर्वाद देते हुए नजर आईं। हमें यह जानना था कि आखिर ओरिजनल तस्‍वीर कहां की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने सच का पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स टूल का इस्‍तेमाल करने का तय किया। इसके लिए हमने वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके खोजना शुरू किया। हमें यह तस्‍वीर एक वेबसाइट पर मिली। 29 मई को तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए खबर में लिखा गया कि झालावाड़ के झालरापाटन की शाइना अगवाल को बिटिश काउंसिल की ओर से 40लाख रुपए की स्‍कॉलरशिप दी गई है। शाइना के पिता झालावाड़ के खानपुर डीवाईएसपी ऑफिस में असिस्टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर हैं। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल के दौरान हमें समाचार लहरें नाम की एक वेबसाइट पर भी वायरल तस्‍वीर मिली। खबर के साथ बताया गया कि ब्रिटिश काउंसिल द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में छात्राओं को बढ़ावा देने के लिए सम्पूर्ण देश से 5 छात्राओं का चयन किया गया, जिसमें राजस्थान के झालावाड़ जिले के झालरापाटन कस्बे से ’शाइना अगवान’ को चयनित किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें। टाइम्‍स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी 30 मई को इससे जुड़ी खबर पब्लिश की गई। इसे आप यहां पढ़ सकते हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए शाइना अगवान से संपर्क किया। उनके साथ वायरल दावा शेयर किया। उन्होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। यह तस्‍वीर उनके घर की ही है। उन्‍हें ब्रिटिश काउंसिल की एक स्‍कॉलरशिप मिली है, लेकिन कुछ लोग उनकी तस्‍वीर को फर्जी तरीके से वायरल कर रहे हैं, जो कि सही नहीं है।

अब हमें फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर के बारे में जानना था। विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर विश्‍व मोहन के अकाउंट को स्कैन किया। यूजर कानपुर का रहने वाला है। इसके 760 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर के साथ किया गया दावा फर्जी है। दरअसल हमारी पड़ताल में सामने आया है कि तस्‍वीर में दिख रही युवती का नाम साइना अगवान है। झालावाड़ की इस युवती को ब्रिटिश काउंसिल की ओर से एक स्‍कॉलरशिप मिली है।

False
Symbols that define nature of fake news
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