Fact Check: परशुराम मंदिर में पूजा करते हुए अखिलेश यादव की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। अखिलेश यादव पूजा करने के लिए जूते पहनकर नहीं पहुंचे थे। उन्होंने पैरों में मोजे पहने हुए थे। जिसकी तस्वीर गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।

Fact Check: परशुराम मंदिर में पूजा करते हुए अखिलेश यादव की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर मंदिर में खड़े अखिलेश यादव की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भगवान परशुराम की पूजा करने के लिए अखिलेश यादव जूता पहनकर पहुंचे। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। अखिलेश यादव पूजा करने के लिए जूते पहनकर नहीं पहुंचे थे। उन्होंने पैरों में मोजे पहने हुए थे। जिसकी तस्वीर गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Ashok Yadev ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि भगवान परशुराम, किसान और पशुपालक थे – अखिलेश यादव। यही होता है जब आप विदेश से पढ़ कर आते हैं, जूते पहन कर पूजा करते हैं।

यहां वायरल मैसेज को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं। पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

https://twitter.com/Latarai5/status/1477933447356108802

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक वीडियो समाजवादी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर 2 जनवरी 2022 को अपलोड मिला। वीडियो में 6 मिनट 42 सेकेंड पर अखिलेश यादव को मंदिर के बाहर जूते उतारते हुए देखा जा सकता है। हालांकि वीडियो में उनके पैर ठीक तरीके से नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उन्हें रुक कर जूते उतारते हुए देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट समाजवादी पार्टी के फेसबुक अकाउंट पर मिली। तस्वीर को 2 जनवरी 2022 को अपलोड किया गया था। तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अखिलेश यादव मंदिर के बाहर खड़े हुए हैं और उन्होंने जूते नहीं, बल्कि मोजे पहने हुए हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने समाजवादी पार्टी के प्रवाक्ता घनश्याम तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। अखिलेश जी को पता है कि मंदिर में बिना जूतों के जाया जाता है। वो मंदिर में जूतों के साथ नहीं जाएंगें, ये दावा गलत है। विपक्षी पार्टियां जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Ashok Yadev की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है। Ashok Yadev फेसबुक पर 27 दिसंबर 2021 से सक्रिय हैं।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। अखिलेश यादव पूजा करने के लिए जूते पहनकर नहीं पहुंचे थे। उन्होंने पैरों में मोजे पहने हुए थे। जिसकी तस्वीर गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है।

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