Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कन्हैया कुमार की फर्जी तस्वीर

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें उनके चेहरे पर कालिख पोती हुई है। दावा किया जा रहा है कि इंदौर में छात्रों ने उनके चेहरे पर कालिख पोत दी और उनके साथ मारपीट भी की गई। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित होता है। कन्हैया की पुरानी तस्वीर को फोटोशॉप कर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

”आज इंदौर के छात्रों ने जो किया है वो तो गजब ही हो गया। इंदौर में छात्रों ने देशद्रोही कन्हैया (JNU वाले) का मुंह काला कर दिया, जम कर रेहपट और जूते भी मारे गए, शाबाश इंदौर वासियों आज आपने MP का मान बढ़ा दिया, भारत माता की जय, वंदेमातरम।”

फेसबुक पर इसे विकास राज (Vikash Raj) ने 21 अप्रैल 2019 को सुबह 8.10 पर शेयर किया है। पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को 130 बार शेयर किया जा चुका है और इसे 524 लाइक्स मिले हैं।

पड़ताल

रिवर्स इमेज के जरिए जब हमने इस तस्वीर की सच्चाई पता लगाने की कोशिश की तो हमें पता चला कि यह तस्वीर पहले फेसबुक और ट्विटर पर इसी दावे के साथ वायरल हो चुकी है।

तस्वीर को गौर से देखने पर पता चलता है कि कन्हैया के चेहरे और टीशर्ट पर जो रंग के दाग नजर आ रहे हैं, वह बेतरतीब नहीं है, जो अमूमन किसी व्यक्ति के चेहरे पर रंग फेंकने या कालिख पोतने के दौरान होता है।

जांच के दौरान हमें पता चला कि कन्हैया 9 अगस्त 2017 इंदौर के आनंद मोहर माथुर ऑडिटोरियम (Anand Mohar Mathur auditorium) में ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद थे। इस कार्यक्रम का वीडियो यू-ट्यूब पर मौजूद हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि उनके चेहरे पर कोई रंग या कालिख नहीं लगी हुई है।

वीडियो को यहां देखा जा सकता है।

इसके बाद हमने न्यूज सर्च का सहारा लिया, जिसमें इंदौर की यात्रा के दौरान कन्हैया की कार पर पथराव का मामला सामने आया। फर्स्टपोस्ट (10 अगस्त 2017) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत स्वाभिमान मंच के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश की।

कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब कन्हैया लौट रहे थे तब उनकी कार पर पथराव भी किया गया, जिसे Video में देखा जा सकता है। वेबदुनिया ने इस वीडियो को 9 अगस्त 2017 को अपलोड किया है। इस वक्त उनके साथ व्यापमं घोटाले व्हिसलब्लोअर आनंद एल राय भी मौजूद थे। न्यूज सर्च में हमें कहीं भी कन्हैया के चेहरे पर कालिख पोते जाने या रंग फेंके जाने की घटना का जिक्र नहीं मिला।

इसके बाद हमने भोपाल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के महासचिव अरविंद श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने बताया, ‘कन्हैया का कार्यक्रम देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में नहीं हुआ, बल्कि इसे आनंद मोहर माथुर ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।’ उन्होंने कहा कि इस दौरान धक्का-मुक्की और विरोध प्रदर्शन हुआ, लेकिन किसी ने कन्हैया के चेहरे पर कालिख नहीं फेंकी। श्रीवास्तव ने कहा कि कालिख फेंके जाने की घटना ग्वालियर के किसी कार्यक्रम में हुई थी।

न्यूज सर्च में इसकी पुष्टि होती है। 19 नवंबर 2018 की न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कन्हैया कुमार और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी पर हिंदू सेना के एक कार्यकर्ता ने स्याही फेंकी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नई दुनिया के पत्रकार राहुल वविकर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कार्यक्रम के दौरान कन्हैया के चेहरे पर स्याही नहीं पोती गई थी।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह तस्वीर गलत साबित होती है। इंदौर के कार्यक्रम के दौरान कन्हैया कुमार के चेहरे पर कालिख नहीं पोती गई।

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Symbols that define nature of fake news
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