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Fact Check: घायल बच्चे की यह तस्वीर सीरिया की है, दिल्ली दंगों की नहीं

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर सीरिया के कफ्र बटना की है जब 21 फरवरी 2018 को हुई बमबारी में यह बच्चा घायल हो गया था। इस तस्वीर का दिल्ली में हुए दंगों से कोई लेना-देना नहीं है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Mar 4, 2020 at 01:39 PM
  • Updated: Mar 4, 2020 at 05:18 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। दिल्ली में हुए दंगों के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बच्चे को घायल अवस्था में देखा जा सकता है। वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर दिल्ली की है जहां दंगाइयों ने स्कूल से आते एक बच्चे के साथ मारपीट की। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर सीरिया के कफ्र बटना की है जब 21 फरवरी 2018 को हुई बमबारी में यह बच्चा घायल हो गया था।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल तस्वीर में एक बच्चे को घायल अवस्था में देखा जा सकता है। तस्वीर में बच्चा बैठा है और उसके चेहरे से खून निकल रहा है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “देश ये दर्द नहीं भूलेगा ! स्कूल से घर आते बच्चे को भी दंगाइयों ने नहीं छोड़ा ! अब तक एक बच्चे की जान लेने तक की खबर देश के सामने आयी है ! दिल्ली दंगे की सोशल मीडिया पर आई हुई ये दर्दनाक तस्वीर ! क्या कसूर था इस बच्चे का ? देश ये दर्द नहीं भूलेगा !  #PMOINDIA #AMITSHAH #ARVINDKEJRIWAL।”

इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और फिर उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज पर मिली। तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में लिखा था ‘A wounded Syrian boy covered in blood waits to receive treatment at a make-shift hospital in Kafr Batna in the besieged Eastern Ghouta region on the outskirts of the capital Damascus following Syrian government bombardments on February 21, 2018. Syrian jets carried out more deadly raids on Eastern Ghouta as Western powers and aid agencies voiced alarm over the mounting death toll and spiralling humanitarian catastrophe. / AFP PHOTO / Amer ALMOHIBANY (Photo credit should read AMER ALMOHIBANY/AFP via Getty Images)’ 

जिसका हिंदी अनुवाद होता है ’21 फरवरी, 2018 को सीरियाई सरकार की बमबारी के बाद राजधानी दमिस्कस के बाहरी इलाके कफ्र बटना में मेक-शिफ्ट अस्पताल में इलाज के लिए एक घायल सीरियाई लड़का को इलाज के लिए लाया गया है। सीरियाई जेट ने इस इलाके में भीषण बमबारी की है। पश्चिमी देशों और सहायता एजेंसियों ने पूर्वी घोउटा में बढ़ते मृत्यु दर और खतरनाक मानवीय तबाही पर चिंता व्यक्त की। / एएफपी फोटो / आमेर अलमोहिबानी (फोटो क्रेडिट गेटी इमेज के माध्यम से आमेर अलमोहिबानी / एएफपी)

गेट्टी इमेजेज के अनुसार, यह तस्वीर आमेर अलमोहिबानी नाम के एएफपी के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी।

हमने पुष्टि के लिए आमेर अलमोहिबानी से संपर्क किया। उन्होंने हमें फ़ोन पर बताया, “यह तस्वीर 2018 में मैंने ही क्लिक की थी। उस समय मैं एएफपी के लिए काम करता था। अभी मैं फ्रीलान्स काम करता हूँ। यह तस्वीर सीरिया की है, भारत की नहीं।”

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Haridwar Singh नाम का एक फेसबुक यूजर। प्रोफाइल के अनुसार, यूजर रायबरेली का रहने वाला है और इस प्रोफाइल के कुल  4,950 फेसबुक फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर सीरिया के कफ्र बटना की है जब 21 फरवरी 2018 को हुई बमबारी में यह बच्चा घायल हो गया था। इस तस्वीर का दिल्ली में हुए दंगों से कोई लेना-देना नहीं है।

  • Claim Review : देश ये दर्द नहीं भूलेगा ! स्कूल से घर आते बच्चे को भी दंगाइयों ने नहीं छोड़ा ! अब तक एक बच्चे की जान लेने तक की खबर देश के सामने आयी है ! दिल्ली दंगे की सोशल मीडिया पर आई हुई ये दर्दनाक तस्वीर !
  • Claimed By : Haridwar Singh
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