हमारी पड़ताल में हमने पाया कि मुस्लिम महिलाओं के साथ सुब्रमण्यम स्वामी की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा बिल्कुल गलत है। वायरल हो रही तस्वीर में सुब्रमण्यम स्वामी अपनी बेटी और नवासी के साथ नहीं, बल्कि कुछ मुस्लिम प्रशंसकों के साथ खड़े हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े सुब्रमण्यम स्वामी की एक तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उनके साथ बुर्का में खड़ी महिलाएं उनकी बेटी और नवासी हैं, जो कि हज के लिए जा रहे हैं। इन्हें ही एयरपोर्ट पर छोड़ने के लिए वह पहुंचे थे।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत और दुष्प्रचार है। वायरल तस्वीर तकरीबन 5 साल पुरानी है। साल 2018 में सुब्रमण्यम स्वामी एयरपोर्ट पर कुछ महिलाओं से मिले थे, जो कि तीन तलाक को लेकर उनके विचारों से काफी प्रभावित थी। इसलिए उन्होंने उनके फैंस के तौर पर साथ में फोटो खिंचवाई थी।
फेसबुक यूजर कुलदीप वर्मा ने वायरल तस्वीर को शेयर किया है। यूजर ने तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “देश के कट्टर हिन्दू नेता सुब्रमण्यम स्वामी अपनी बेटी और नवासी को हैदराबाद एयरपोर्ट से हज के लिए विदाई करते हुए। दंगाईयो आप को सुब्रमण्यम जी से सीखने की आवश्यकता है आप इन्ही नेताओं के चक्कर में अपने को सम्प्रदायिकता के भट्ठी में झोंक दी रहें है और ये नेता अपने परिवार में मजे की जिंदगी जी रहे है। देश ऐसे नेताओं का निवाला बन कर रह गया है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर सुब्रमण्यम स्वामी के एक प्रशंसक विकास कटेवा के ट्विटर अकाउंट पर 4 मई 2018 को पोस्ट हुई मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल तस्वीर बेंगलुरु एयरपोर्ट की है। जहां पर कुछ मुस्लिम महिलाओं ने जब सुब्रमण्यम स्वामी को देखा तो वो उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए वहां पर आ गई।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा शुरू की गई संस्थान विराट हिंदुस्तान संगम के नेशनल जनरल सेक्रेटरी जगदीश शेट्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी मिली। जगदीश शेट्टी ने वायरल तस्वीर को 4 मई 2018 को शेयर किया है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है, बेंगलुरु एयरपोर्ट की तस्वीर। कुछ मुस्लिम महिलाओं ने डॉ सुब्रमण्यम की सराहना की है। इतना ही नहीं, उनके साथ फोटो भी खिंचवाई है। यह उनकी भूमिका के बारे में बहुत कुछ बताता है और वो चाहते हैं कि तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया जाए।
अधिक जानकारी के लिए हमने जगदीश शेट्टी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर मैंने खींची है। यह तस्वीर तकरीबन 5 साल पुरानी है और बेंगलुरु एयरपोर्ट की है। एयरपोर्ट पर कुछ महिलाएं सुब्रमण्यम स्वामी के पास आई और फोटो खिंचवाने के लिए आग्रह करने लगी। वो सुब्रमण्यम स्वामी के विचारों से काफी प्रभावित थी। फोटो में मौजूद महिलाओं में से कोई भी महिला उनके परिवार से नहीं है।
सुब्रमण्यम स्वामी की बेटियों के बारे में जानने के लिए हमने गूगल पर सर्च करना शुरू किया। हमने पाया कि सुब्रमण्यम स्वामी की दो बेटियां हैं- डॉ गीतांजलि स्वामी और सुहासिनी हैदर। उनकी बड़ी बेटी बिजनेस की अच्छी जानकार हैं। वहीं, उनकी छोटी बेटी सुहासिनी हैदर, एक पत्रकार हैं, जिनका विवाह पूर्व भारतीय राजनयिक सलमान हैदर के बेटे नदीम हैदर से हुआ है।
पड़ताल के अंत में हमने वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल की स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर के फेसबुक पर 2,624 मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर वाराणसी का रहने वाला है। कुलदीप वर्मा दिसंबर 2012 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि मुस्लिम महिलाओं के साथ सुब्रमण्यम स्वामी की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा बिल्कुल गलत है। वायरल हो रही तस्वीर में सुब्रमण्यम स्वामी अपनी बेटी और नवासी के साथ नहीं, बल्कि कुछ मुस्लिम प्रशंसकों के साथ खड़े हैं।
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