विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वर्ष 2018 की पीएम मोदी की ग्लोबल सीईओ से मुलाकात की तस्वीर को अब फर्जी दावे के साथ ब्रिटेन की बताकर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर पीएम नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसे वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि ब्रिटेन में कल 53 देशों के अध्यक्षों के बीच मोदी महा अध्यक्ष थे। वायरल पोस्ट की तस्वीर में पीएम मोदी को हाथ जोड़े हुए खड़ा देखा जा सकता है। इसके अलावा कई लोग उनका स्वागत करते हुए ताली बजाते हुए दिख रहे हैं। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी ऐसी ही एक पोस्ट की जांच की थी। हमारी जांच में पता चला कि जनवरी 2018 में पीएम मोदी ने दाओस में दुनिया के दिग्गज सीईओ से मुलाकात की थी। उसी वक्त की तस्वीर को अब कुछ लोग फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर आरती तोमर ने एक टेम्पलेट को शेयर करते हुए अपने अकाउंट पर लिखा : ‘200 साल तक हमे गुलाम बनाने बाले ब्रिटेन में कल 53 देशो के अध्यक्षों के बीच मा०मोदी महा अध्यक्ष “थे. मुझे गर्व है अपने भारत के प्रधानमंत्री @narendramodi जी पर।’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट का आकाईव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच करने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। सर्च के दौरान हमें वायरल तस्वीर इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट पर मिली। इस खबर को 24 जनवरी 2018 को प्रकाशित की गई थी। यह तस्वीर दाओस की थी। मतलब साफ था कि इस तस्वीर का हाल के दिनों से कोई संबंध नहीं है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान हमें ओरिजनल तस्वीर पीआईबी के ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसके साथ दो अन्य तस्वीरें ट्वीट की गई थीं। 23 जनवरी 2018 को ट्वीट की गईं तस्वीरों को लेकर लिखा गया कि दावोस में इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल के कार्यक्रम के दौरान दुनिया के टॉप सीईओ के साथ बातचीत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी।
पुराने कार्यक्रम की ही तस्वीर हमें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसे भी 23 जनवरी 2018 को ट्वीट करते हुए टॉप सीईओ के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत की तस्वीर बताई गई।
विश्वास न्यूज ने जांच के अगले चरण में जागरण डॉट कॉम के बिजनेस सेक्शन के प्रमुख मनीष मिश्रा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को वॉट्सऐप पर शेयर किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की यह वायरल तस्वीर काफी पुरानी है। इसका ब्रिटेन से कोई संबंध नहीं है। यह उस वक्त की फोटो है, जब पीएम मोदी दुनिया के दिग्गज सीईओ से दाओस में मुलाकात की थी।
अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्ट को फेसबुक पर वायरल करने वाली यूजर कौन है। फेसबुक यूजर आरती तोमर की सोशल स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ी हुई है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाली इसे यूजर ने अपना अकाउंट अप्रैल 2018 में बनाया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वर्ष 2018 की पीएम मोदी की ग्लोबल सीईओ से मुलाकात की तस्वीर को अब फर्जी दावे के साथ ब्रिटेन की बताकर वायरल किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।