विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। पीएम मोदी ने गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सामने नहीं, बल्कि वीर सावरकर की तस्वीर के सामने हाथ जोड़े थे। असल में यह तस्वीर तब की है जब पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल की अपनी 2018 यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सावरकर को श्रद्धांजलि दी थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें एक तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर बैठे हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। पीएम मोदी ने गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सामने नहीं, बल्कि वीर सावरकर की तस्वीर के सामने हाथ जोड़े थे। असल में यह तस्वीर तब की है जब पोर्ट ब्लेयर की सेल्युलर जेल की अपनी 2018 यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सावरकर को श्रद्धांजलि दी थी।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर R V Sundar Raj ने 18 अगस्त को दो तस्वीरों का कोलाज अपलोड किया। इस कोलाज में ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते देखा जा सकता है और नीचे उन्हें वीर सावरकर की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर बैठे हुए देखा जा सकता है।
पोस्ट के साथ दावा किया गया है (तमिल से हिंदी में अनुवादित) “अब बोलो, हमारे शहर (क्षेत्र, इलाके) में लोग उन्हें क्या नाम देंगे? एक ओर ये महात्मा गांधी की प्रार्थना करते हैं और दूसरी ओर गोडसे की जिन्होंने उन्हें गोली मारी थी। भारत बढ़ेगा।”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास टीम को अपनी पड़ताल में सबसे पहले यह पता लगाना था कि वायरल तस्वीर में मोदी ने जिस तस्वीर के सामने हाथ जोड़े थे वो किसकी है। सच जानने के लिए हमने वायरल पोस्ट में दिए गए कोलाज में से नीचे वाली तस्वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें ऐसी कई तस्वीरें मिलीं, जिसमें नरेंद्र मोदी उस तस्वीर को नमन करते हुए दिखे, जिसे सोशल मीडिया पर गांधी जी का हत्यारा बताया जा रहा है।
हमें यह तस्वीर ट्विटर पर प्रधानमंत्री द्वारा उनके ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर अपलोडेड मिली। इस तस्वीर को प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर, 2018 को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपलोड किया था। पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है, “सेल्युलर जेल में कैद कई लोगों में से एक महान वीर सावरकर भी थे। मैंने उस सेल का दौरा किया, जहां अदम्य वीर सावरकर को रखा गया था। कठोर कारावास भी वीर सावरकर की निडर सोच को नहीं तोड पाया। उन्होंने जेल में रहते हुए भी स्वतंत्र रूप से बोलना और लिखना नहीं छोड़ा।”
हमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ऐतिहासिक सेल्युलर जेल में पीएम की यात्रा को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं। इस जेल में सावरकर ने दस साल कैद में बिताए थे।
विश्वास न्यूज ने इसके बाद दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा से संपर्क किया। उन्होंने कहा “ये क्लेम फर्जी है। तस्वीर 2018 की है जब प्रधानमंत्री ने वीर सावरकर की तस्वीर के आगे हाथ जोड़े थे।”
अब हमें यह जानना था कि वायरल पोस्ट की पहली तस्वीर कहां की है, जिसमें पीएम मोदी गांधी जी की प्रतिमा के सामने झुक कर हाथ जोड़े खड़े हुए दिख रहे हैं। गूगल रिवर्स इमेज में सर्च के दौरान हमें यह तस्वीर indianexpress.com की वेबसाइट पर मिली। वायरल पोस्ट में, मोदी द्वारा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए दिखाया गया फोटो राजकोट में क्लिक किया गया था, जब पीएम 30 सितंबर, 2018 को महात्मा गांधी म्यूज़ियम गए थे।
अंत में हमने उस यूजर की सोशल स्कैनिंग की, जिसने फर्जी पोस्ट को अपलोड किया। R V Sundar Raj नाम के इस फेसबुक यूजर को 142 लोग फॉलो करते हैं। यूजर विशाखापत्तनम का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। पीएम मोदी ने गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सामने नहीं, बल्कि वीर सावरकर की तस्वीर के सामने हाथ जोड़े थे। असल में यह तस्वीर तब की है जब पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल की अपनी 2018 यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सावरकर को श्रद्धांजलि दी थी।
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