विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में बड़े-बड़े सीवर के पाइपों के अंदर बैठे लोगों की यह तस्वीर बांग्लादेश की है, भारत की नहीं.
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। फेसबुक पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें बड़े-बड़े सीवर के पाइपों के अंदर रहने वाले वाले लोगों को देखा जा सकता है। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दृश्य भारत की एक झुग्गी का है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक पर वायरल इस पोस्ट में 1 तस्वीर है जिसमें बड़े-बड़े सीवर के पाइपों के अंदर रहने वाले वाले लोगों को देखा जा सकता है। यूजर ने इस इमेज को शेयर करते हुए लिखा “കഷ്ടം,.. ഇന്ത്യൻ തെരുവ് കളിലെ കാഴ്ച്ച യാണിത്, ഇവിടെ യാണ് രാമന് വേണ്ടി ക്ഷേത്രം പണിയുന്നത്. എന്റെ നാടിനെ ഓർത്തു ഞാൻ തല താഴ്ത്തുന്നു” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “यह उसी भारत देखा की सड़कों का दृश्य है, जहां राम के लिए भव्य मंदिर बनाया जा रहा है।”
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और फिर उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर 10 जुलाई 2014 को www.dailymail.co.uk/ की एक खबर में मिली। खबर सबसे अच्छी पर्यावरण तस्वीरों के बारे में थी। खबर में इस तस्वीर को भी देखा जा सकता है। इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था “Faisal Azim, Bangladesh, was awarded winner of the Atkins City Scape Award 2014 for this photograph of beggars in Bangladesh”। इसका हिंदी अनुवाद होता है “बांग्लादेश में भिखारियों की इस तस्वीर के लिए बांग्लादेश के फैजल अजीम को एटकिन्स सिटी स्केप अवॉर्ड 2014 से सम्मानित किया गया।”
हमें यह तस्वीर economictimes.indiatimes.com/ की वेबसाइट पर 14 अगस्त, 2015 को पब्लिश्ड एक खबर में भी मिली। खबर बांग्लादेश के फोटोग्राफर फैज़ल अजीम के बारे में थी जिन्होंने 2015 में ‘नेशनल ज्योग्राफिक ट्रैवलर फोटो प्रतियोगिता’ में दूसरा स्थान हासिल किया था। खबर के अनुसार, यह तस्वीर फैज़ल अजीम ने ही 2013 में बांग्लादेश के एक स्लम में खींची थी।
हमने पुष्टि के लिए फैज़ल अजीम से ट्विटर पर संपर्क किया। हमारे साथ बात करते हुए उन्होंने कहा “यह तस्वीर मैंने 2013 में बांग्लादेश में ही खींची थी। इस तस्वीर ने कई अवॉर्ड्स भी जीते थे।”
इस पोस्ट को ‘Rema Devi’ नाम के एक फेसबुक यूजर ने 5 अगस्त को शेयर किया था। यूजर मल्लपुरल के रहने वाले हैं और उनके फेसबुक पर कुल 983 फ़ॉलोअर्स हैं।
इस फैक्ट चेक को Malayalam में यहाँ पढ़ें।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में बड़े-बड़े सीवर के पाइपों के अंदर बैठे लोगों की यह तस्वीर बांग्लादेश की है, भारत की नहीं.
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