Fact Check: फाइजर के उपाध्यक्ष रेडी जॉनसन को नहीं किया गया गिरफ्तार, व्यंग्य में लिखी गई रिपोर्ट को सच मानकर शेयर कर रहे यूजर्स

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘वैंकूवर टाइम्स’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।

Fact Check: फाइजर के उपाध्यक्ष रेडी जॉनसन को नहीं किया गया गिरफ्तार, व्यंग्य में लिखी गई रिपोर्ट को सच मानकर शेयर कर रहे यूजर्स

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर फाइजर वैक्सीन को लेकर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि दवा कंपनी फाइजर के उपाध्यक्ष रेडी जॉनसन को COVID-19 वैक्सीन से संबंधित दस्तावेजों को जारी करने और धोखाधड़ी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘वैंकूवर टाइम्स’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Shrigopal Sharma ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर कर लिखा है, “फाइजर के उपाध्यक्ष रेडी जॉनसन को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। अच्छा है भारत सरकार ने फाइजर को भारत में आने नहीं दिया।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने कई कीवर्ड का उपयोग कर Google पर सर्च करने की कोशिश की, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। हमने फाइजर और फाइजर के उपाध्यक्ष रेडी जॉनसन के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला, लेकिन हमें वहां पर भी वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट प्राप्त नहीं हुई।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने स्क्रीनशॉट को गौर से देखा और इस पर लिखी खबर को सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें ये वायरल खबर ‘वैंकूवर टाइम्स’ नाम की वेबसाइट पर 6 मई 2022 को प्रकाशित मिली। खबर के आखिर में डिस्केलमर देते हुए बताया गया है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है, यह एक सटायर आर्टिकल है। इसके बाद हमने वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। वेबसाइट के अबाउट सेक्शन को खंगालने पर हमने पाया कि द वैंकूवर टाइम्स एक व्यंग्य वेब पोर्टल है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित सभी खबरें और रिपोर्ट सिर्फ मनोरंजन के मकसद से लिखी गई है। इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। वेबसाइट द्वारा लिखे गए लेखों को सच न समझें।

https://vancouvertimes.org/vp-of-pfizer-arrested-after-document-dump/

अधिक जानकारी के लिए हमने फाइजर की प्रवाक्ता Trupti wagh से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। फाइजर के उपाध्यक्ष रेडी जॉनसन को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। यूजर के फेसबुक पर एक हजार दो सौ से ज्यादा फ्रेंड्स मौजूद हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘वैंकूवर टाइम्स’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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