Fact Check: वायरल वीडियो में दिख रहे लोग श्रीलंका के सांसद नहीं हैं,भ्रामक दावे के साथ वीडियो वायरल

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा गलत निकला। वीडियो में दिख रहे लोग श्रीलंका के सांसद नहीं हैं, बल्कि कैदी हैं। इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्लेटफॉर्म पर एक मिनट 30 सेकंड का वीडियो वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में कुछ लोग नीले रंग की पैंट पहने जमीन पर घुटने के बल बैठे हुए नज़र आ रहे हैं। लोगों की भीड़ ज़मीन पर बैठे इन लोगों को घेर कर उनसे सवाल-जवाब करती दिख रही है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि याचना करते हुए दिख रहे यह लोग श्रीलंका के मंत्री हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की और पाया कि वीडियो में दिख रहे लोग श्रीलंका के सांसद नहीं हैं, बल्कि कैदी हैं। इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “All these naked people are ministers of Sri Lanka.The Pakistani government has banned all news from Sri Lanka so that the people do not suffer the same fate.

हिंदी अनुवाद : ये सभी नग्न लोग श्रीलंका के मंत्री हैं, पाकिस्तानी सरकार ने श्रीलंका से सभी समाचारों पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि लोगों को किसी तरह का नुकसान न हो।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी जांच को शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ़्रेम निकाले और गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। सर्च करने पर हमें 10 मई 2022 को DailyMirror के ट्विटर अकाउंट पर वायरल वीडियो से जुड़ा एक ट्वीट मिला। ट्वीट के साथ लिखा है, ‘It was reported that prisoners were bought today (10) to attack the protesters at #GotaGoGama.”

Lankan Boy NWS नाम के यूट्यूब चैनल पर भी हमें यह वीडियो अपलोड मिला। 10 मई 2022 को वीडियो को अपलोड कर लिखा गया है,’ It was reported that prisoners were bought today (10) to attack the protesters at #GotaGoGama   हिंदी अनुवाद: यह बताया गया कि कैदियों को आज (10) प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए खरीदा गया था।

हमें वायरल वीडियो से जुडी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली पर किसी भी रिपोर्ट में यह नहीं मिला कि वायरल वीडियो में दिख रहे सभी लोग श्रीलंका के मंत्री हैं। 

हमने इस बारे में अपनी जाँच को बढ़ाया। हमें firstindianews.com की वेबसाइट पर 12 मई 2022 को प्रकाशित एक खबर मिली। खबर अनुसार, ‘श्रीलंका के जेल प्राधिकारियों ने इस सप्ताह कोलंबो में सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने वालों पर हमला करने के लिए देश के एक जेल शिविर के कैदियों का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। “पूरी खबर यहाँ पढ़ें।

11 मई को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया, ‘सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हुए हमलों में कैदियों के शामिल होने के आरोपों पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए जेल विभाग चंदना एकनायके ने मीडिया में प्रसारित आरोपों का खंडन किया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने श्री लंका के पत्रकार से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा पूरी तरह से गलत है। वीडियो में दिख रहे यह लोग मिनिस्टर्स नही है। वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को फेसबुक पर 63 लोग फॉलो करते हैं और इस पेज को 13,जुलाई 2021 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा गलत निकला। वीडियो में दिख रहे लोग श्रीलंका के सांसद नहीं हैं, बल्कि कैदी हैं। इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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