Fact Check: लोगों के मनोरंजन और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाये गए वीडियो को सच मानकर किया जा रहा है शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक बुजुर्ग पंडित को एक बच्चे को गोद में उठाये देखा जा सकता है। अचानक बुजुर्ग की तबीयत खराब हो जाती है और वो सड़क पर गिर जाता है और बच्चा रोने लगता है। कई लोग वहां से गुजरते हैं और उसको देखते हैं, लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं करता है। इतनी ही देर में एक मुस्लिम जोड़ा बाइक से वहां से गुजर रहा होता है और बुजुर्ग को देख कर मदद करने लगता है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को सच मानकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

India Network नाम के फेसबुक पेज पर यह वीडियो 7 मई को शेयर किया गया है और साथ में लिखा है,’एक मुस्लिम couple ने बचाई पंडित जी और बच्चे की जान।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 6 मई 2022 को 3RD EYE नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिली। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक सोशल अवेयरनेस वीडियो है।

https://www.youtube.com/watch?v=OGPa6nzSwcw

हमें 3RD EYE यूट्यूब चैनल को खंगालने पर पता चला कि यह चैनल इसी तरह के स्क्रिप्टेड वीडियोज बनाता है। कई वीडियोज मजाकिया तो कई गंभीर मुद्दों पर आधारित होते हैं। ये सभी वीडियो कलाकारों द्वारा बनाए जाते हैं इनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता है।

हमें ये वीडियो Priya नामक एक फेसबुक पेज पर 7 अगस्त 2015 को अपलोड मिला। Priya ने वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा हुआ है कि इस पेज पर स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडीज वीडियोज हैं। यह शॉर्ट फिल्म एंटरटेनमेंट और एजुकेशन के इरादे से बनाई गई है। हमने पाया कि Priya अक्सर इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो शेयर करती रहती हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने 3RD EYE पेज को चलाने वाले राहुल कश्यप से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है। यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। उन्होंने कहा, यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो को लोगों ने सच मानकर शेयर किया हो। इससे पहले भी कई वीडियोज को ऐसे वायरल किया जा चुका है।आप हमारे द्वारा किए गए ऐसे अन्य फैक्ट चेक को यहां पर पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि पेज को 86 लोग फॉलो करते हैं और इस फेसबुक पर इस पेज को 29 मार्च 2022 को बनाया गया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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