विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। पप्पू यादव का यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि पुराना है। वायरल वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था। उसी वीडियो को अब हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें रोते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में वो यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि लोगों ने उन्हें पीटा है। अब कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पप्पू यादव का यह वीडियो लॉरेंस बिश्नोई को चुनौती देने के बाद का है।
विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असल में यह वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था। उसी वीडियो को अब हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है। वीडियो का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर Aks Ashwani ने 14 अक्टूबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बाबा सिद्दीकी की हत्या से दुखित होकर कल पप्पू यादव चौबीस घंटे में लारेंस विश्नोई के पूरे गैंग को ठिकाने लगाने की बात कर रहे थे। शाम में पता नहीं रास्ते में इन्हें किसी ने पकड़ कर कूट दिया तो अब भोकार मार कर जोर जोर से रो रहे हैं।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो कि पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। हमें लाइव सिटीज मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड मिला। वीडियो को 6 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, वीडियो मुजफ्फरपुर में पप्पू यादव पर हुए हमले के बाद का है, जब उन्होंने मीडिया को आपबीती बताई थी।
हमें वायरल वीडियो से मिलता-जुलता वीडियो न्यूज तक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। 7 सितंबर 2018 को अपलोड वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, पप्पू यादव पटना से मधुबनी जा रहे थे, लेकिन मुजफ्फरपुर में बंद समर्थकों ने उनके काफिले को रोक दिया और उनके काफिले पर हमला कर दिया। यही सब बताते हुए पप्पू यादव पत्रकारों से बात करते-करते फूट-फूट कर रोने लगे।”
यह पहली बार नहीं है जब पप्पू यादव का यह वीडियो भ्रामक दावे से वायरल किया गया है। इससे पहले भी कई अलग-अलग मौकों पर अलग-आग दावों के साथ इस वीडियो को वायरल किया गया था। उस समय हमने वीडियो को लेकर पटना दैनिक जागरण के इनपुट एडिटर अमित आलोक से बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था कि यह वीडियो तकरीबन पुराना है। फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां पढ़ें।
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप के एक सदस्य ने इसकी जिम्मेदारी ली है। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए पप्पू यादव ने कहा है,” कानून अनुमति दे तो 24घंटे में इस लारेंस बिश्नोई जैसे दो टके के अपराधी के पूरे नेटवर्क को खत्म कर दूंगा।”
अंत में हमने वीडियो को शेयर करने वाले यूजर कि प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को 285 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। पप्पू यादव का यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि पुराना है। वायरल वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था। उसी वीडियो को अब हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
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