नई दिल्ली (विश्वास टीम)। आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के कथित हालात को लेकर पाकिस्तान के सांसद और पूर्व गृह मंत्री का दुष्प्रचार सामने आया है। सीनेटर रहमान मलिक ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है- ‘संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव के मुताबिक, आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग कर रहे निर्दोष कश्मीरी लोगों पर भारत ने गोलियां बरसाईं।’
विश्वास न्यूज की पड़ताल में रहमान मलिक का दावा प्रोपेगेंडा निकला, जिसके जरिए पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लगातार हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा है। रहमान मलिक ने जिस वीडियो को शेयर करते हुए कथित दावा किया है वह जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 2018 में हुए एनकाउंटर का है, जिसमें जैश के तीन आतंकी मारे गए थे।
रहमान मलिक के आधिकारिक और वेरिफाइड ट्विटर हैंडल (Senator Rehman Malik/@SenRehmanMalik) से 13 अगस्त 2019 को शेयर किए गए वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और संयुक्त राष्ट्र को भी टैग किया गया है।
पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को 500 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चुका है, जिसे अभी तक करीब डेढ़ लाख से अधिक लोग देख चुके हैं।
रहमान मलिक के अलावा इस वीडियो को पाकिस्तान के एक और मंत्री उमर अयूब खान (@OmarAyubKhan) ने 10 अगस्त को शेयर किया है। खान पाकिस्तान सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं। उनकी प्रोफाइल से इस वीडियो को करीब 2000 से अधिक लोगों ने रिट्वीट किया है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों या पत्रकारों की तरफ से कश्मीर के हालात को लेकर फर्जी और प्रोपेगेंडा वीडियो को जारी किया गया हो।
पड़ताल की शुरुआत हमने वीडियो की जांच से की। सर्च में हमें पता चला कि पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री ने जिस वीडियो को कश्मीर की ‘’हालिया’’ स्थिति बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र से दखल दिए जाने की मांग की है, वह 2018 के अंत में हुए एक एनकाउंटर का वीडियो है।
अक्टूबर 2018 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुआ था, जिसमें सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया था। अंग्रेजी अखबार ‘’हिंदुस्तान टाइम्स’’ के वेब संस्करण में 21 अक्टूबर 2018 को छपी खबर से इस घटना की पुष्टि होती है।
खबर के मुताबिक, इस एनकाउंटर में 7 नागिरक भी मारे गए थे। पुलिस प्रवक्ता मनोज कुमार के मुताबिक, ‘मुठभेड़ के बाद वह लोग (नागरिकों) सुरक्षा बलों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए मुठभेड़ स्थल की तरफ गए, जहां हुए अचानक विस्फोट में कई लोग घायल हो गए।’ कुलगाम के कमिश्नर शमीम अहमद वानी के मुताबिक, जहां इस हादसे में 6 नागरिकों की मौत हुई और 30 लोग घायल हुए। वहीं, एसपी हरमीत सिंह ने सात नागरिकों की मौत की पुष्टि की।
21 अक्टूबर 2018 को जम्मू-कश्मीर पुलिस के ट्वीट से इसकी पुष्टि होती है।
इसके बाद हमें जम्मू-कश्मीर पुलिस का आधिकारिक बयान मिला, जिसमें उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेते हुए ट्विटर से रहमान के खिलाफ शिकायत की है। पुलिस के बयान के मुताबिक, ‘दुर्भावनापूर्ण मकसद के साथ फैलाई जा रही सामग्री का हम जोरदार शब्दों में खंडन करते हैं। हमने इस मामले को @TwitterSupport के साथ उठाया है।’
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने पाकिस्तानी नागरिकों और पाकिस्तान सरकार की तरफ से चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा कैंपेन का पर्दाफाश किया है। 14 अगस्त को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) मुनीर खान ने कहा, ‘पड़ोसी देश प्रोपेगेंडा फैलाते हैं। आपने 2016 का वीडियो देखा होगा। 2010 का बारामूला का वीडियो जो अब फिर से फैलाया जा रहा है, जो प्रोपेगेंडा का हिस्सा है। हम इसे रोकने के लिए सभी संभव कोशिश कर रहे हैं, जिसका नजीता आपको जल्द ही देखने को मिलेगा।’
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर में हालात को बिगाड़ने के मकसद से पाकिस्तान प्रोपेगेंडा वीडियोज और फोटोज का इस्तेमाल कर रहा है, जिसे भारतीय सुरक्षाबलों की तरफ से बार-बार बेनकाब किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ऐसी ही एक कोशिश को बेनकाब करते हुए बताया, ‘अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर खालिद जहांगीर के नाम पर फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। ऐसा काम अपराधियों का होता है। कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर ने इस मामले को साइबर क्राइम की जांच करने वाले टीम को भेजा है, ताकि इसके पीछे शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा सके।’
हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसे ट्विटर हैंडल की पहचान की है, जिससे लगातार प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। श्रीनगर पुलिस ने ट्विटर इंडिया को चिट्ठी लिखकर कथित पत्रकार वाज एस खान (@WajSKhan) के ट्विटर हैंडल से जुड़ी जानकारी मसलन ईमेल आईडी, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, आईपी एड्रेस आदि की जानकारी मांगी है, ताकि इस प्रोफाइल के जरिए फैलाई जा रही फर्जी खबरों के खिलाफ रोक लगाई जा सके।
हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के जम्मू-कश्मीर के स्टेट एडिटर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने कहा, ‘कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की पाबंदी की वजह से यहां ऐसे कंटेंट सर्कुलेट तो नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट लगातार पोस्ट किए जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसे भड़काऊ पोस्ट कर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा है, जिसमें उसे कोई सफलता नहीं मिल रही है।
विश्वास न्यूज ने इससे पहले ऐसी ही एक पोस्ट का पर्दाफाश किया था, जिसमें पाकिस्तान के एक अन्य मंत्री अली हैदर जैदी प्रोपेगेंडा वीडियो फैलाते हुए पकड़े गए थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक की तरफ से कश्मीर की कथित हालिया स्थिति को लेकर जारी किया गया वीडियो प्रोपेगेंडा है। उन्होंने जिस वीडियो को शेयर करते हुए कश्मीर में अमेरिकी राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग की है, वह अक्टूबर 2018 में कुलगाम में हुए एनकाउंटर का वीडियो है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए थे।
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