Fact Check : पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान बॉर्डर का एक पुराना वीडियो अब फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अफगानिस्‍तान में तालिबानी कब्‍जे के बाद पाकिस्‍तान में घुसते अफगान के दावे के साथ वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वीडियो अप्रैल 2020 का है, जब पाकिस्‍तान ने अपनी सीमा को खोल दिया था, ताकि पाकिस्‍तान में फंसे अफगान वापस अपने मुल्‍क लौट पाएं। उस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के साथ ही सोशल मीडिया में कई झूठी और फर्जी खबरें वायरल हो रही हैं। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान से सटी अपनी सीमा खोल दी है, जिसके कारण हजारों लोग पाकिस्‍तान में प्रवेश कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। जिस वीडियो को अभी का बताकर अपलोड किया गया है, वह पिछले साल का है, जब पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान के अनुरोध पर अपनी सीमा को खोला था, ताकि कोरोना के कारण पाकिस्‍तान में फंसे हजारों अफगानी अपने मुल्‍क लौट सकें। विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट गलत निकली। वायरल हो रहा वीडियो पाकिस्‍तान में प्रवेश कर रहे अफगान शरणार्थियों का नहीं, बल्कि अप्रैल 2020 में पाकिस्‍तान से लौट रहे अफगानियों का है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रोहित सिंह माया ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “बुरी_खबर आज #पाकिस्तान ने अपना #अफगानिस्तान #बोर्डर खोल दिया है ये आने वाले समय मे भारत मे प्रवेश कर सकते है. भारत मे बहुत जल्द दुनिया का सबसे खतरनाक #ग्रहयुद्ध होगा”

वीडियो में हजारों लोगों को बॉर्डर क्रॉस करते हुए देखा जा सकता है। पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। वायरल पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए अलग-अलग टूल्‍स का इस्‍तेमाल किया। ओरिजनल वीडियो तक पहुंचने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड को टाइप करके गूगल में सर्च करना शुरू किया। ओरिजनल वीडियो हमें बीबीसी उर्दू के ट्विटर हैंडल पर मिला। 8 अप्रैल 2020 को अपलोड इस वीडियो को लेकर बताया गया कि कोरोना वायरल की वजह से पाकिस्‍तान ने अपनी तमाम सरहदें बंद कर दी थी। बाद में 6 अप्रैल से 9 अप्रैल 2020 तक तोरखाम सीमा को खोलने का एलान किया गया। पिछले दिनों अचानक से तोरखाम सीमा का गेट खोल दिया, जिससे आज से दस हजार अफगान अपने मुल्‍क में दाखिल हुए। यह वीडियो नीचे देखा जा सकता है।

ओरिजनल वीडियो द टेलीग्राफ के यूट्यूब चैनल पर भी मिला। 8 अप्रैल 2020 को अपलोड इस वीडियो को लेकर बताया गया कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंध के बाद सीमा खोलने से हजारों की तादाद में अफगान पाकिस्‍तान बॉर्डर से अपने घर पहुंचे। वीडियो तोरखाम सीमा का है। पूरा वीडियो नीचे देखें। इस वीडियो को दूसरे यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि अप्रैल 2020 में अफगानिस्‍तान के विशेष अनुरोध पर पाकिस्‍तान ने अपने बॉर्डर को चार दिनों के लिए खोल दिया था, ताकि पाकिस्‍तान में फंसे अफगानी अपने मुल्‍क लौट सके। इससे जुड़ी खबरें आप Wio News, द वायर और डॉन पर भी पढ़ सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने पाकिस्‍तान-अफगान सीमा का हाल जानने के लिए गूगल सर्च की मदद ली। हमें पता चला कि हजारों की तादाद में अफगानिस्‍तान से लोग पाकिस्‍तान की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। इसके अलावा लगातार लोगों की कोशिश है कि किसी तरह पाकिस्‍तान की सीमा में प्रवेश कर जाएं। इससे जुड़ी खबर हमें अल जजीरा, द गॉर्डियन और आजतक की वेबसाइट पर मिली।

अब हमें यह जानना था कि अप्रैल 2020 के वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाला यूजर कौन है। हमें पता चला कि वायरल हो रहे वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर रोहित सिंह माया गाजीपुर के रहने वाले हैं। फिलहाल वे बनारस में रहते हैं। फेसबुक पर मौजूद इस अकाउंट से 483 लोग जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अफगानिस्‍तान में तालिबानी कब्‍जे के बाद पाकिस्‍तान में घुसते अफगान के दावे के साथ वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वीडियो अप्रैल 2020 का है, जब पाकिस्‍तान ने अपनी सीमा को खोल दिया था, ताकि पाकिस्‍तान में फंसे अफगान वापस अपने मुल्‍क लौट पाएं। उस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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