Fact Check : पुराने वीडियो को अब इटावा में हिंसा के नाम पर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में इटावा के नाम पर वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। बस्‍ती जिले के पुराने वीडियो को कुछ लोग जानबूझकर इटावा का बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी में विधानसभा चुनाव भले ही खत्‍म हो चुके हों, लेकिन सोशल मीडिया में फर्जी कंटेंट अभी भी वायरल हो रहे हैं। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो इटावा का है, जहां सपा कार्यकर्ता हिंसा करना चाहते हैं। इसमें काफी बड़ी तादाद में भीड को देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। बस्‍ती जिले के एक पुराने वीडियो को अब इटावा का बताकर वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राजेश दीक्षित ने 9 मार्च को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘इटावा में लाल टोपी वाले गुंडे हिंसा की तैयारी करते हुए। अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को बंगाल बनाने की चाह व राह में निकले ये हुड़दंगी ..अखिलेश व विपक्ष की २०२४ में बची खुची शाख भी समाप्त करवाके ही दम लेंगे..’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें बड़ी तादाद में लोगों को पैदल चलते हुए देखा जा सकता है। कई लोगों के हाथ में लाठियां भी देखी जा सकती है। इसमें भीड़ को जिंदाबाद के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई गैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल और यान्‍डेक्‍स टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया। वायरल वीडियो हमें एक ट्विटर हैंडल पर भी मिला। राजेश यादव नाम के यूजर ने इस वीडियो को 9 जुलाई 2021 को अपलोड करते हुए लिखा कि जनपद बस्ती के दुबौलिया ब्लॉक से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी श्री तालेवान यादव के समर्थन में लोग निकल पड़े।

सर्च के दौरान यही वीडियो हमें अर्जुन यादव नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इसे भी 9 जुलाई 2021 को अपलोड किया गया था। वीडियो के कैप्‍शन में इसे बस्‍ती जिले के दुबौलिया ब्‍लॉक का बताया गया। सपा प्रत्‍याशी तालेवान यादव जब पर्चा दाखिल करने जा रहे थे, वीडियो उसी वक्‍त का है।

पड़ताल के दौरान हमें इटावा पुलिस का एक ट्वीट पर किया गया रिप्‍लाई मिला। वायरल वीडियो के संदर्भ में इटावा पुलिस ने बताया कि उक्‍त वीडियो का इटावा से कोई संबंध नहीं है। यह बस्‍ती के दुबौलिया का वीडियो है। 2021 के वीडियो को इटावा के नाम पर गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने गूगल सर्च टूल की मदद ली। संबंधित कीवर्ड टाइप कर सर्च करने पर हमें जागरण डॉट कॉम पर 10 जुलाई 2021 की एक खबर मिली। इसमें उस वक्‍त के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार सिंह के हवाले से बताया गया कि दिन में 11.30 बजे दुबौलिया में प्रमुख पद प्रत्याशी तालेवन यादव अपने समर्थकों के साथ प्रशासन पर झूठा आरोप व प्रत्यारोप लगाते हुये अराजक तत्वों के साथ अपने हाथ में लाठी-डंडा, हॉकी स्टिक व असलहे लेकर अपशब्द कहते हुए ब्लाक दुबौलिया पर आ रहे थे। उन्हें पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो समर्थकों के साथ भड़क गए तथा थाने के सरकारी वाहन सहित प्राइवेट व्यक्तियों के वाहनों में तोड़फोड़ एवं पथराव करने लगे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, इटावा के इंचार्ज गौरव डूडेजा से संपर्क किया। उन्‍होंने भी स्‍पष्‍ट किया कि वायरल वीडियो इटावा का नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अंत में पुराने वीडियो को इटावा का बताकर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। राजेश दीक्षित नाम के फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर को पांच सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में इटावा के नाम पर वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। बस्‍ती जिले के पुराने वीडियो को कुछ लोग जानबूझकर इटावा का बताकर वायरल कर रहे हैं।

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