विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मतदाता के मतदान को प्रभावित करते पोलिंग एजेंट के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव का है। हरियाणा के असावती मतदान केंद्र में पोलिंग एजेंट ने लोगों के मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की थी। वीडियो सामने आने के बाद पोलिंग एजेंट पर एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। छह चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसी बीच मतदाता के मतदान को प्रभावित करते हुए एक पोलिंग एजेंट का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को हालिया लोकसभा चुनाव 2024 का बताते हुए चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव का है। हरियाणा के असावती मतदान केंद्र में पोलिंग एजेंट ने लोगों के मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की थी। वीडियो सामने आने के बाद पोलिंग एजेंट पर एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
फेसबुक यूजर ने 27 मई 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “चुनाव आयोग देश को चुना लगा रहा है..चुनाव आयोग सो गया है क्या चुनाव आयोग को आयोग बोलना कहा तक ठीक है. #BAN_EVM_SAVE_DEMOCRACY”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) हिंदुस्तान टाइम्स की आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। वीडियो को 13 मई 2019 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो हरियाणा के पृथला निर्वाचन क्षेत्र के असावती मतदान केंद्र का है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर अन्य कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट (आर्काइव लिंक) एक्स यूजर Anurag Dhanda नामक एक एक्स यूजर के अकाउंट पर 13 मई 2019 को अपलोड हुई मिली। यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए चुनाव आयोग से सवाल किए थे। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने चुनाव आयोग के फरीदाबाद कार्यालय को टैग करते हुए जरूरी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। फिर इसके जवाब में फरीदाबाद कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया था, ‘पोलिंग एजेंट ने तीन महिलाओं के वोटों को प्रभावित करने की कोशिश की थी। लेकिन ऑब्जर्वर और एआरओ ने वहां पर अपनी टीम के साथ पहुंचकर मामले को संभाल लिया था। मतदान में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। शाम तक पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार कर लिया गया था और उस पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
सोशल मीडिया पर पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। उस दौरान हमने पलवल सदर के एसएचओ से संपर्क किया था। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया था, “वायरल दावा गलत है। पोलिंग एजेंट गिरिराज सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 171C (चुनाव को अनुचित तरीके से प्रभावित करना), धारा 188 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 135 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।’ उन्होंने कहा कि पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।
अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को 68 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मतदाता के मतदान को प्रभावित करते पोलिंग एजेंट के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव का है। हरियाणा के असावती मतदान केंद्र में पोलिंग एजेंट ने लोगों के मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की थी। वीडियो सामने आने के बाद पोलिंग एजेंट पर एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
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