विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में सीएम योगी एक दरगाह में खड़े हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव जीतने के लिए सीएम योगी दरगाह पहुंच गए हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है।
फेसबुक यूजर Saleem Ghadiyali ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि चुनाव के वक्त कांग्रेस मंदिर मे जाये तो दिखावा और योगी दरगाह जाये तो.. सब का साथ सबका विकास..है।
वायरल पोस्टक के कंटेंट को यहां ज्योंक का त्यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखें। ट्विटर पर भी इस दावे को यूजर्स जमकर शेयर कर रहे हैं।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट NDTV की वेबसाइट पर 28 जून 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में संत कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी और सीएम योगी यूपी के संत कबीर नगर के मगहर में स्थित कबीर की समाधि पर चादर और फूल चढ़ाने के लिए पहुंचे थे।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो ABP News के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 28 जून 2018 को अपलोड मिला। वीडियो में देखा जा सकता है कि सीएम योगी पहले समाधि के अंदर आते हैं, फिर कुछ देर बाद पीएम मोदी आते हैं। इसके बाद पीएम मोदी और सीएम योगी संत कबीर दास की समाधि पर पुष्प और चादर चढ़ाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमने भाजपा नेता विभ्राट चंद कौशिक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है, यह काफी पुराना है। लोग पुराने वीडियो को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से शेयर कर रहे हैं। लोग मुख्यमंत्री जी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर Saleem Ghadiyali को फेसबुक पर 500 से अधिक लोगों ने फॉलो किया हुआ है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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