विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 का है और मोबाइल चोरी से संबंधित मामले का है। जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पुलिस वालों का एक वीडियो शेयर कर दावा कि जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में एक शख्स ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। उसके बाद यूपी पुलिस ने उसकी पिटाई कर उसे सबक सिखाया। वीडियो में दो पुलिसवालों को एक लड़के को पीटते हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 का है और चोरी से संबंधित मामले का है। जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था।
फेसबुक यूजर Anurag Dwivedi ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “पाकिस्तान जिंदा बाद के नारे लगने के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस सबक सिखाते हुए जो भी भाई इसे देखें share जरूर करें ताकि कोई ऐसा करने की हिम्मत ना करे।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल की मदद से हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर 2 मई 2021 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये घटना यूपी के चंदौली जिले की है।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 2 मई 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक चंदौली के मथेला गांव स्थित एक दुकान में तीन बच्चे घुसे गए थे। दुकानदार ने उन्हें पकड़ लिया। चोरी का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर बाद मौके पर कैलावर चौकी प्रभारी हेड कांस्टेबल के साथ पहुंचे। वहीं बच्चों को चौकी ले जाकर कार्रवाई करने की बजाए पुलिसकर्मी जमकर पिटाई करने लगे। इस दौरान किसी ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में एसपी अमित कुमार ने सख्त कर्रवाई करते हुए कैलावर चौकी प्रभारी शिवानंद वर्मा और हेड कांस्टेबल दिलीप कुमार को निलंबित कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट चंदौली पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 20 मार्च 2022 को अपलोड हुआ मिला। पुलिस ने घटना के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा है, “प्रकरण एक वर्ष से अधिक पुराना है, जिसमें बच्चे के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के कारण तत्समय दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की जा चुकी है। कृपया पूर्ण तथ्य एवं स्पष्ट जानकारी के बिना किसी चीज़ को प्रसारित करने से बचें।”
अधिक जानकारी के लिए हमने चंदौली के एसपी के पीआरओ रामप्रीत कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह घटना तकरीबन एक साल पुरानी है और मोबाइल चोरी से संबंधित है। जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था। वीडियो में नजर आ रहे दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर के फेसबुक पर 322 फ्रेंड्स मौजूद हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 का है और मोबाइल चोरी से संबंधित मामले का है। जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था।
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