Fact Check: सुखबीर सिंह माईसरखाना के विरोध का पुराना वीडियो एक बार फिर हालिया बताते हुए किया जा रहा है शेयर

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो हाल का नहीं, बल्कि जुलाई 2021 का है। अब पुराना वीडियो वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर 27 सेकेंड के एक वीडियो में कुछ लोगों को एक व्यक्ति के खिलाफ विरोध करते देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर आम आदमी पार्टी पर तंज कसा जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि संगरूर विधानसभा क्षेत्र में आप विधायक का विरोध किया गया। वायरल वीडियो को हाल का बताया जा रहा है। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि वायरल वीडियो हाल का नहीं, बल्कि जुलाई 2021 का है। अब पुराने वीडियो वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज “Hardeep Singh Lohakhera” ने 18 जून को इस वीडियो को शेयर किया और लिखा, ” आप के MLA साहिबान का संगरूर हलके में हो रहा जबरदस्त स्वागत।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए संबंधित कीवर्ड (मोड़ सुखबीर माईसरखाना विरोध) के साथ खोजना शुरू किया। हमें 17 जुलाई, 2021 को कार्तिक शर्मा नाम के एक फेसबुक यूजर द्वारा शेयर किया गया यह वीडियो मिला। वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया, ”मोड़ से हल्का इंचार्ज बने सुखबीर माईसरखाना आम आदमी पार्टी को उनके हल्का क्षेत्र के गांव में से किसान यूनियन की तरफ से विरोध कर वापस भेजा।”

वायरल वीडियो को फेसबुक यूजर “जसपाल सिंह जज्जू” ने भी 17 जुलाई, 2021 को शेयर किया था। वीडियो के साथ लिखा गया, “मोड़ से हल्का इंचार्ज बने सुखबीर माईसरखाना आम आदमी पार्टी को उनके हल्का क्षेत्र के गांव में से किसान यूनियन की तरफ से विरोध कर वापस भेजा।”

फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को 2021 में शेयर किया था। यह वीडियो पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी। आप हमारी पिछली जांच यहां पढ़ सकते हैं।  

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने सुखबीर माईसरखाना से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वीडियो पुराना है और चुनाव से पहले का है। मेरे पुराने वीडियो को अभी का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो किसान आंदोलन के समय का है।

अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि फेसबुक पर यूजर के तीन हजार से ज्यादा दोस्त हैं और यूजर मेलबर्न का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो हाल का नहीं, बल्कि जुलाई 2021 का है। अब पुराना वीडियो वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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