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Fact Check: मंदिर में नहीं हो रही थी शराब की अवैध बिक्री, पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Jul 18, 2019 at 01:35 PM
  • Updated: Aug 29, 2020 at 04:44 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दावा किया गया है कि ”मंदिर में शराब और अवैध हथियार का कारोबार किया जाता है और बदनाम किया जाता है मदरसे को।” सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भगवान की मूर्तियों के नीचे से शराब की बरामदगी होती हुई नजर आ रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह वीडियो गुमराह करने वाला साबित होता है।

क्या है वायरल पोस्ट में

वायरल पोस्ट में एक वीडियो नजर आ रहा है, जिसमें पुलिसवालों को भगवान की मूर्तियों के नीचे से शराब की बरामदगी करते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट करते हुए लिखा गया है, ”मंदिर में शराब एवं अवैध हथियार का कारोबार किया जाता है और बदनाम किया जाता है मदरसे को…।”

फेसबुक यूजर्स आसिफ मलिक (Asif Malik) के प्रोफाइल से शेयर किए गए वीडियो को अब तक करीब 7 लाख लोग देख चुके हैं। वहीं, इसे करीब 38,000 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है।

पड़ताल

सर्च में हमें पता चला कि हाल ही में कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश के बिजनौर में बिजनौर के शेरकोट इलाका स्थित दारूल हमीदिया मदरसे पर छापा पड़ा था, जहां से अवैध हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे।

11 जून 2019 को हुई इस छापेमारी की घटना की पुष्टि दैनिक जागरण से होती है। जागरण के आधिकारिक यू-ट्यूब पर 11 जून को अपलोड किए वीडियो में इसे देखा जा सकता है।

यानी मदरसे में हथियारों की हालिया बरामदगी के बाद फेसबुक पर ”मंदिर” वाले वायरल हो रहे वीडियो से प्रतीत हो रहा है कि यह हाल की घटना है।

वायरल वीडियो को गौर से देखने पर इसमें हिंदी न्यूज चैनल प्रदेश 18 का लोगो लगा हुआ नजर आ रहा है। इनविड की मदद से मिले फ्रेम को रिवर्स इमेज करने पर हमें पता चला कि मंदिर के नाम से वायरल हो रहा वीडियो काफी पुराना है।

वायरल वीडियो करीब तीन साल पुराना है। न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, बिहार के मुंगेर में पुलिस ने सूचना के आधार पर एक घर पर छापा मारा था।

खबर के मुताबिक, ‘कोतवाली थाना क्षेत्र के मुंगेर बड़ी दुर्गा महारानी के मंदिर से सटे रवि शर्मा के आलीशान घर में अवैध रूप से शराब का बड़ा कारोबार चल रहा था।’

सूचना के आधार पर जब पुलिस ने घर की तलाशी ली तो उसके अंदर बने मंदिर में भगवान की मूर्ति के नीचे बने छोटे तहखाने से एक पिस्टल और 37 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसी घर में बने तीन अन्य तहखानों से शराब भी जब्त किए गए।

मुंगेर के तत्कालीन एसपी (पुलिस अधीक्षक) आशीष भारती के मुताबिक, ‘बड़ी दुर्गा मां के मंदिर की आड़ में वहां शराब का कारोबार चल रहा था। मंदिर परिसर में ही घर होने के कारण किसी को भी कोई शक नहीं हो पा रहा था कि वहां कोई शराब का भी कारोबार कर सकता था।’


18 दिसंबर 2016 को न्यूज 18 की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर

वीडियो में पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘कुछ लोग मंदिर की आड़ में अवैध शराब और हथियार का कारोबार करते हैं। सूचना के आधार पर टीम का गठन किया गया था। सुबह सूचना मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। पुलिस को देखकर मुख्य अभियुक्त रवि सिंह गाड़ी छोड़कर भाग गया। गाड़ी से 12 कार्टून शराब मिले हैं। उसके घर पर जब छापेमारी की गई, तो हमें वहां तहखाना दिखा, जहां से 3 कार्टून शराब, एक पिस्टल और 37 गोली मिली। पिस्टल घर के अंदर बनी मंदिर में लगी मूर्ति के नीचे तहखाने से मिली।”

अधिकारी बताते हैं कि मंदिर के बगल में मौजूद घर से शराब की बरामदगी हुई और हथियार आरोपी रवि सिंह के घर में बने मंदिर में रखी मूर्तियों के नीचे बने तहखाने से।

यानी, मंदिर से हथियार और शराब बरामद नहीं हुए, जिसका दावा वायरल वीडियो में किया जा रहा है। दैनिक जागरण के वेब संस्करण में 20 दिसंबर 2016 को प्रकाशित खबर से इसकी पुष्टि होती है।

निष्कर्ष: मंदिर से शराब और हथियार की बरामदगी का दावा करने वाला वीडियो करीब तीन साल पुराना है। बिहार के मुंगेर की इस घटना में पुलिस को हथियार बड़ी दुर्गा महारानी के मंदिर से सटे घर से मिले थे, न कि मंदिर से। संबंधित वीडियो भ्रामक दावे के साथ फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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  • Claim Review : मंदिर में हो रहा अवैध शराब का कारोबार
  • Claimed By : FB User-Aasif Malik
  • Fact Check : झूठ
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