Fact Check : कर्नाटक का रामनवमी का पुराना वीडियो CAA के पक्ष में निकाली गई रैली के नाम पर किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि जिस वीडियो को भीलवाड़ा का बताया जा रहा है, वह फर्जी है। दरअसल मार्च 2018 में कर्नाटक के गुलबर्गा शहर में रामनवमी पर एक शोभा यात्रा निकाली गई थी। वीडियो उसी दौरान का है। लेकिन कुछ लोग इस वीडियो को सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली के नाम पर जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध और समर्थन में देशभर में आंदोलन हो रहे हैं। इसी क्रम में एक पुराने वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। यूजर्स इस वीडियो को यह कह के वायरल कर रहे हैं कि राजस्‍थान के भीलवाड़ में सीएए और एनआरसी के समर्थन में रैली निकाली गई। इस वीडियो में खूब सारे भगवा झंडों के साथ लोगों के सैलाब को देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई। कर्नाटक के गुलबर्गा में 2018 में रामनवमी पर निकाली गई रैली के वीडियो को कुछ लोग राजस्‍थान के भीलवाड़ा के नाम पर फैला रहे हैं। हमारी जांच में पता चला कि इस वीडियो का सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज gurjar_club ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”CAA or NRC के समर्थन में आज भीलवाड़ा में फूल माहौल जय जय श्री राम🚩🚩🚩 मोदी जी आप पीछे मत हटना हर हिंदू आपके साथ है कुछ जयचन्दों के अलावा”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले भीलवाड़ा के नाम पर वायरल हो रहे वीडियो को ध्‍यान से देखा। वीडियो की क्‍वालिटी काफी खराब थी। इसके लिए हमने ओरिजनल वीडियो को सर्च करना शुरू किया। वायरल वीडियो में से कुछ ग्रैब निकालकर हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो कई जगह मिला। सबसे पुराना वीडियो हमें Pavan sarasmbi नाम के एक Youtube चैनल पर मिला। इसे 6 अप्रैल 2018 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि यह वीडियो 2018 में कर्नाटक के गुलबर्गा (कलबुर्गी) में निकाली गई रामनवमी यात्रा का है।

गुलबर्गा (कुलबर्गी) के वीडियो और भीलवाड़ा के नाम पर वायरल हो रहे वीडियो में हमें कई समानता मिली। दोनों वीडियो में हमें दाएं तरफ पानी की एक पीली टंकी दिखी। इस टंकी के पीछे के बोर्ड भी नजर आया। इनके अलावा वीडियो के बाएं तरफ हमें बिल्डिंग के ऊपर पीले बैकग्राउंड में काले अक्षरों में लिखा हुआ नजर आया।

वीडियो में हमें सड़क के किनारे सवेरा होटल लिखा हुआ दिखा। इसके अलावा हमें एक धार्मिक स्‍थल की इमारत (दरगाह) भी दिखी। गूगल मैप में जब हमनें सवेरा होटल सर्च किया हुआ तो हमें कर्नाटक के गुलबर्गा में यह होटल मिला। उसके पास हमें दरगाह भी दिखी। इससे यह तो तय हो गया कि वीडियो कर्नाटक का ही है।

इसके बाद हमने Youtube पर ‘Ram navami 2018 gulbarga’ कीवर्ड टाइप करके सर्च किया तो हमें 25 और 26 मार्च 2018 को अपलोड कई वीडियो मिले। जो गुलबर्गा की ही रामनवमी की यात्रा के अलग एंगल के वीडियो थे। वीडियो में उस दरगाह को भी देखा जा सकता है, जिसका बुर्ज वायरल वीडियो में दिख रहा था।

पड़ताल के अगले चरण में हमने भीलवाड़ा के एडिशनल एसपी राजेश भारद्वाज से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि भीलवाड़ा के नाम पर वायरल वीडियो हमारे शहर का नहीं है।

अंत में हमने gurjar_club नाम के फेसबुक पेज की सोशल स्‍कैनिंग की। इसी पेज से कर्नाटक के वीडियो को भीलवाड़ा के नाम पर वायरल किया गया। इस पेज को 16 जून 2019 को बनाया गया।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि जिस वीडियो को भीलवाड़ा का बताया जा रहा है, वह फर्जी है। दरअसल मार्च 2018 में कर्नाटक के गुलबर्गा शहर में रामनवमी पर एक शोभा यात्रा निकाली गई थी। वीडियो उसी दौरान का है। लेकिन कुछ लोग इस वीडियो को सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली के नाम पर जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि जिस वीडियो को भीलवाड़ा का बताया जा रहा है, वह फर्जी है। दरअसल मार्च 2018 में कर्नाटक के गुलबर्गा शहर में रामनवमी पर एक शोभा यात्रा निकाली गई थी। वीडियो उसी दौरान का है। लेकिन कुछ लोग इस वीडियो को सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली के नाम पर जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

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