नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ लाए जाने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ लोगों को भारतीय जीवन बीमा के एक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है।
दावा किया जा रहा है कि मजदूर संघ मोदी सरकार के निर्णय (आईपीओ लाए जाने के संदर्भ में) को वापस लिए जाने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा विरोध प्रदर्शन का वीडियो पिछले साल का है, जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Abdul Azeez’ ने वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”LIC में भी विद्रोह शुरू हुआ, ट्रेड यूनियनों ने मोदी को अपने निर्णय वापिस लेने की पुरज़ोर मांग के साथ LIC में भी विद्रोह शुरू हुआ, ट्रेड यूनियनों ने मोदी को अपने निर्णय वापिस लेने की पुरज़ोर मांग के साथ नारे लगाए।”
एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लाए जाने की घोषणा की थी। बजट दस्तावेज में इसे पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो को 9 फरवरी को शेयर किया गया है, जिसमें कुछ लोगों को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एक दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो और उसके साथ किए गए दावे से प्रतीत होता है कि यह विरोध प्रदर्शन हालिया बजट में किए गए फैसले के खिलाफ हुआ है।
वीडियो के साथ किए गए दावे की पड़ताल के लिए हमने सोशल मीडिया सर्च का सहारा लिया। सर्च में हमें यही वीडियो कई प्रोफाइल पर लगा मिला, जिसे पिछले वर्ष अपलोड किया गया है। फेसबुक यूजर ‘जगन्नाथ यादव प्रदेश अध्यक्ष’ ने समान वीडियो को समान दावे के साथ अपनी प्रोफाइल से चार फरवरी 2020 को शेयर किया है।
एक अन्य यूजर ‘Siddharth S. Bhandari’ ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ अपनी प्रोफाइल से चार फरवरी 2020 को शेयर किया है।
इसके बाद हमने न्यूज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें चार फरवरी को बिजनेस टुडे की वेबसाइट पर प्रकाशित एक आर्टिकल का लिंक मिला, जिसमें एलआईसी यूनियन की तरफ से सरकार की हिस्सेदारी बिक्री की योजना का विरोध किए जाने का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 को पेश करते हुए एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी को बेचे जाने की घोषणा की थी, जिसके विरोध में एलआईसी के तीन बड़े ट्रेड यूनियंस ने देश भर के एलआईसी दफ्तरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।’
मिंट की वेबसाइट पर तीन फरवरी 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी एलआईसी यूनियंस के विरोध का जिक्र है।
वायरल हो रहे वीडियो में प्रदर्शन कर रहे लोगों को बिना मास्क के देख जा सकता है, जिससे इसके पुराने होने की पुष्टि होती है। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण में बिजनेस बीट के डिप्टी चीफ रिपोर्टर नेमिष हेमंत ने वायरल हो रहे वीडियो के पुराने होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन का यह वीडियो पुराना है। बजट 2021-22 के बाद ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं हुआ है।’
यानी वायरल हो रहा वीडियो पिछले साल 2020 में बजट पेश होने के बाद का है, जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ साझा करने वाले यूजर्स की प्रोफाइल को करीब एक हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: वर्ष 2020 में बजट के बाद एलआईसी यूनियंस के विरोध प्रदर्शन के वीडियो को हालिया सरकार विरोधी प्रदर्शन के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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