Fact Check: प्रियंका गांधी के स्टाफ द्वारा पत्रकार से बदसलूकी किये जाने का पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पता चला कि यह घटना 2019 में सोनभद्र में हुई थी। इसका अमेठी या रायबरेली से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक न्‍यूज चैनल के पत्रकार के कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से प्रश्‍न पूछे जाने पर कांग्रेसी कार्यकर्ता उन्हें धमकी देते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना को हालिया अमेठी और रायबरेली की बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। पता चला कि यह घटना 2019 में सोनभद्र में हुई थी। इसका अमेठी से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Suneel M. Awasthi ने 15 मई को इस वीडियो को I SUPPORT NRC घुसपैठिये भगाओ’ नाम के पेज पर शेयर किया। उन्होंने इसे अपलोड करते हुए लिखा : ‘जब प्रियंका वाड्रा उर्फ प्रियंका गांधी कैंपेन में ,रायबरेली, और अमेठी में जाती है, तो कितने गुंडों की फौज लेकर चलती है इस वीडियो में देखिए। पत्रकार ने बस इतना सवाल पूछा की धारा 370 हटाने पर प्रियंका जी आपकी क्या राय है ? तो आपकी बहन प्रियंका  वाड्रा ने अपने पाले हुए गुंडों को इशारा किया और आपकी बहन के पाले हुए गुंडे उस पत्रकार को पटक-पटक कर मारने लगे। और एक गुंडा तो पत्रकार को आपकी बहन के सामने जान से मारने की धमकी दे रहा है और आपकी बहन बेशर्मी से मुस्कुरा रही है ,  हिंदुओं में अगर जरा सी भी शर्म बची हो तो , कांग्रेस ,को  वोट नहीं देना ।’

 पोस्ट का आकाईव  वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

जांच के लिए हमने वीडियो को ठीक से देखा, इसमें पत्रकार के हाथ में एबीपी न्यूज़ चैनल का माइक देखा जा सकता है। मगर इस माइक पर जो लोगो है, वो पुराना है, जिसे 2020 में बदल दिया गया था।  

कीवर्ड से सर्च करने पर हमें यह ऑरिजिनल  खबर एबीपी न्‍यूज के यूट्यूब चैनल पर मिली। 13 अगस्‍त 2019 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया था कि सोनभद्र में एबीपी गंगा के रिपोर्टर के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी की थी।

इस मामले पर हमें 2019 की कई खबरें मिलीं। ख़बरों के अनुसार, वीडियो में दिख रहे पत्रकार नितीश पांडेय हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्यूज ने  पत्रकार नितीश पांडेय से बात की।नितीश इन घटना के समय एबीपी गंगा में कार्यरत थे और फिलहाल ज़ी मीडिया के साथ जुड़े हुए हैं। उन्‍होंने कन्फर्म किया कि वीडियो में वे ही हैं और यह वीडियो 2019 सोनभद्र की है। 

यह पोस्ट पहले भी वायरल हो चुकी है, विश्वास न्यूज की पहले की पड़ताल यहां पढ़ें।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले पेज ‘I SUPPORT NRC घुसपैठिये भगाओ’ की जांच की। पेज के 1.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पता चला कि यह घटना 2019 में सोनभद्र में हुई थी। इसका अमेठी या रायबरेली से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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