Fact Check : ग्‍वालियर में पुलिसिया अत्‍याचार का पुराना वीडियो अब फिर से हुआ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पुलिसिया अत्‍याचार के जिस वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है, व‍ह कई साल पुराना है। वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित भी कर दिया गया था।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म्स पर 26 सेकंड का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें खाकी वर्दी पहने हुए एक शख्‍स को गोद में बच्‍चा लिए महिलाओं की बुरी तरह लाठी से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को हाल-फिलहाल का समझकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस वीडियो की जांच की थी। उस वक्‍त वीडियो को हरियाणा का बताकर वायरल किया गया था। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो मध्‍य प्रदेश का निकला। जांच में पता चला कि मई 2019 में वीडियो के वायरल होने के बाद ग्‍वालियर जीआरपी के प्रधान आरक्षक सुभाष मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर ब्राह्मण शिवम मिश्रा ने 27 मार्च को एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : ‘3 दिन के अंदर ये हात जोड़कर रोता हुआ नज़र आएगा अगर अच्छे से वायरल हुआ तो!’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो का सच जानने के लिए सबसे पहले InVID टूल में इसे अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें एक के बाद एक करके गूगल रिवर्स इमेज और यान्‍डेक्‍स में सर्च करना शुरू किया। हमें जी न्‍यूज की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 9 मई 2019 को पब्लिश इस खबर में वायरल वीडियो के ग्रैब का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया कि पुलिस थाने में महिलाओं के साथ डंडे से मारपीट करते हुए हेड कॉन्स्‍टेबल सुभाष मिश्रा का वीडियो वायरल होने के बाद उन्‍हें निलंबित किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

इससे जुड़ी खबर टीवी 9 की वेबसाइट पर भी मिली। इसे यहां पढ़ा जा सकता है। यह खबर 9 मई 2019 को पब्लिश की गई थी।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया ग्‍वालियर के प्रभारी विरेंद्र तिवारी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह वीडियो काफी पुराना है। उस वक्‍त चोरी के शक में महिलाओं को पकड़ा गया था। मारपीट के दौरान महिलाओं की गोद में बच्चे भी थे। जब 8 मई 2019 को वीडियो वायरल हुआ तो उसके बाद प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया गया था।

यह वीडियो पहले भी कई बार अलग-अलग स्‍थानों के नाम से वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पिछली पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर ब्राह्मण शिवम मिश्रा लखनऊ के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को मई 2017 को बनया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पुलिसिया अत्‍याचार के जिस वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है, व‍ह कई साल पुराना है। वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित भी कर दिया गया था।

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