विश्वास न्यूज की पड़ताल में कानपुर में लाठीचार्ज के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। वायरल वीडियो का कानपुर से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी के कानपुर में पिछले दिनों हुए उपद्रव के बाद से ही सोशल मीडिया पर अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह कानपुर का वीडियो है। इस वीडियो में पुलिस एक युवक को लाठियों से पीटती हुई नजर आ रही है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। वायरल वीडियो का कानपुर से कोई संबंध नहीं है। यह 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है।
फेसबुक यूजर Rishi Mishra ने 4 जून को अपने अकाउंट पर लाठीचार्ज का एक वीडियो अपलोड किया। इसे लेकर दावा किया गया : ‘कभी 90 के दशक में काला बच्चा हत्याकांड हुआ था. तब कानपुर के परेड पर भयानक दंगा हुआ था. एक एडीएम की हत्या कर दी गई थी. चमनगंज में एसपी जब लोगों से बात करने गए थे तब दंगाइयों ने उनके चेहरे पर थूक दिया था. जिसके बाद हालत य़ह हुई कि चमनगंज और बेकनगंज में समुदाय विशेष का ही थानेदार रखा जाता था. मगर अब हालात दूसरे हैं. योगी के राज एक एक पत्थर का हिसाब लिया जा रहा है. कल रात मे जमकर लाठी चलाई गई है. अभी और बहुत कुछ होना है.’
इसी वीडियो को अन्य यूजर्स अलग-अलग दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की सत्यता जानने के लिए सबसे गूगल ओपन सर्च किया। सर्च के दौरान पता चला कि 3 जून को कानपुर में दोपहर की नमाज के बाद हुए उपद्रव के बाद पुलिस ने लाठियां भांजी थीं। बड़ी संख्या में लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने कानपुर के नाम पर वायरल वीडियो को इनविड टूल में अपलोड किया। कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान वायरल वीडियो Gallinews.com के यूट्यूब चैनल पर मिला। 29 मार्च 2020 को अपलोड करते हुए इसे महाराष्ट्र के मुंब्रा का बताया गया है। कैप्शन में जानकारी दी गई कि मुंब्रा में दो समूहों की झड़प के बाद पुलिस का लाठीचार्ज हुआ। वीडियो यहां देखें।
पड़ताल के दौरान वायरल क्लिप एक यूट्यूब के वीडियो में भी मिली। हिन्दुस्तानी रिपोर्टर नाम के इस यूट्यूब चैनल पर अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि कौसा में दो गुटों के बीच हुई झड़प के दौरान पुलिस ने लाठी भांजी। वीडियो के तीन मिनट की टाइम लाइन के बाद वायरल क्लिप को देखा जा सकता है। इस वीडियो को 29 मार्च 2020 को अपलोड किया गया था। कौसा श्रीलंका, मुंब्रा का एक इलाका है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट, कानपुर के संपादीय प्रभारी विशेष शुक्ला से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो का कानपुर से कोई संबंध नहीं है।
विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो किस शहर का है, लेकिन यह कन्फर्म है कि इस वीडियो का कानपुर में उपद्रव के बाद हुई लाठीचार्ज से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो वर्ष 2020 से ही इंटरनेट पर मौजूद है।
पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर Rishi Mishra की सोशल स्कैनिंग की गई। इसी यूजर ने वायरल वीडियो को कानपुर का बताकर शेयर किया था। यूजर एक न्यूज चैनल में काम कर रहे हैं। यह अकाउंट मार्च 2010 को बनाया गया था। उनके 4.9 हजार से ज्यादा फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कानपुर में लाठीचार्ज के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। वायरल वीडियो का कानपुर से कोई संबंध नहीं है।
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