विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। नरसिंहानंद सरस्वती का पुराना वीडियो फर्जी पोस्ट के साथ वायरल हो रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। यति नरसिंहानंद सरस्वती को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्हें एक पुलिस वैन में बैठा हुआ देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यूपी पुलिस ने शाहजहांपुर से नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी निकली।
हमारी जांच में साबित हुआ कि यति नरसिंहानंद सरस्वती का वायरल वीडियो पुराना है। उन्हें यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है।
फेसबुक पर यति नरसिंहानंद सरस्वती का पुराना वीडियो तेजी से वायरल है। फेसबुक यूजर मुस्तफा अहमद जैसे यूजर्स इसे लगातार वायरल कर रहे हैं। फेसबुक यूजर ने
27 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ब्रेकिंग – यूपी पुलिस ने शाहजहांपुर से नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया है!
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से सुना। इसमें यति नरसिंहानंद सरस्वती को शाहजहांपुर का जिक्र करते हुए देखा जा सकता है। हमने जब इस वायरल वीडियो के ओरिजनल वर्जन को खोजना शुरू किया तो हमें एक यूट्यूब चैनल पर ओरिजनल वीडियो मिला। इसे 31 जुलाई 2020 को अपलोड किया गया। 4:29 मिनट के इस वीडियो में यति नरसिंहानंद सरस्वती को यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि जब वे शाहजहांपुर से अयोध्या जा रहे थे तो उन्हें पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया। इसी वीडियो के अलग-अलग हिस्सों से क्लिप एडिट करके 41 सेकंड का वायरल वीडियो बनाया गया है। इसे अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। पूरा वीडियो यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 30 जुलाई 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से जुड़े छत्तीसगढ़ निवासी फैज के भूमि पूजन समारोह में प्रतिभाग के विरोध के लिए निकले अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज को पुलिस ने उनके शिष्यों के साथ शाहजहांपुर में रोक दिया। उन्हें कस्टडी में लेकर गाजियाबाद के लिए भेज दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने शाहजहांपुर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को स्कैन किया। हमें यहां 28 अप्रैल 2021 को की गई एक पोस्ट मिली। शाहजहांपुर पुलिस की ओर से वायरल वीडियो का खंडन किया गया। इसे आप यहां देख सकते हैं।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने नरसिंहानंद सरस्वती के सहयोगी अनिल यादव से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो पुराना है। स्वामी जी सुरक्षित हैं। उन्हें अरेस्ट नहीं किया गया। एक खास समुदाय उनके खिलाफ नफरत फैलाते हुए पुराने वीडियो को वायरल कर रहा है।
अब बारी थी, फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर मुस्तफा अहमद की सोशल स्कैनिंग से हमें पता चला कि यह नूंह का रहने वाला है। इसके अकाउंट को अक्टूबर 2019 को बनाया गया था। इसे 2329 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। नरसिंहानंद सरस्वती का पुराना वीडियो फर्जी पोस्ट के साथ वायरल हो रहा है।
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