Fact Check : बिहार में हुई हत्या का पुराना वीडियो यूपी में बीजेपी को मिली जीत से जोड़कर गलत संदर्भ में किया जा रहा शेयर
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2019 में बिहार में हुई एक घटना का है।
- By: Pragya Shukla
- Published: Mar 11, 2022 at 09:46 PM
- Updated: Mar 14, 2022 at 01:38 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर परेशान करने वाला एक हिंसक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग एक शख्स को बुरी तरह से मारते हुए और जय श्री राम का नारा लगाते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी की सरकार बनते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लोगों को मारना शुरू कर दिया है। बीजेपी कार्यकर्ता इस तरीके से अपनी जीत का जश्न मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश पुलिस को टैग कर रहे हैं। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताने की कोशिश की जा रही है। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2019 में बिहार में हुई एक घटना का है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर Kapil Yadav ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “नई सरकार बनने पर एक बेकसुर की जान लेकर बिजेपी के गुण्डों ने मनाया जश्न।”
यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। वीडियो में काफी हिंसा दिखाई गई है, शख्स को बुरी तरह से पत्थरों से पीटा जा रहा है। शख्स रोड़ पर लहूलुहान पड़ा हुआ है, जो कि लोगों को परेशान कर सकता है। इसलिए हम इस वीडियो को और इसके लिंक को रिपोर्ट में नहीं दिखा रहे हैं।
हमें ‘विश्वास न्यूज’ के चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर भी यह पोस्ट चेक करने के लिए भेजी गई। हमारे सच के साथी अनुप अंकुर ने इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमें भेजा।
पड़ताल –
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल की मदद से हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट India Today की वेबसाइट पर 5 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार ये घटना भभुआ इलाके की है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इस घटना से जुड़ी कई और खबरों को सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 2 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार साहिल नाम के एक व्यक्ति ने माधव सिंह नाम के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद भीड़ ने उसे मारने की कोशिश की।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट यूपी पुलिस के आधिकारिक फैक्ट चेकिंग ट्विटर अकाउंट पर 11 मार्च 2022 को पोस्ट प्राप्त हुआ। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश से न होकर थाना भभुआ, जनपद कैमूर, बिहार से संबंधित है।
अधिक जानकारी के लिए हमने बिहार दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख अरविंद शर्मा से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह घटना साल 2019 को बिहार के भभुआ में हुई थी। आपसी रंजिश के चलते दो गुटों में लड़ाई हुई थी। साहिल नामक एक शख्स ने माधव सिंह को गोली मारी जिसके बाद भीड़ ने उसे पकड़ लिया और उत्तम पटेल समेत लगभग 10 लोगों ने उसके साथ मार-पिटाई की। 2 पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और रोकने की कोशिश की पर भीड़ उनपर भारी पड़ी। ये पुलिसवाले माधव सिंह को अस्पताल ले गए और और पुलिस बल आने पर साहिल को भी छुड़ा कर अस्पताल ले गए। माधव सिंह की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी पर साहिल की हालत ठीक थी और उसे मंडल जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस मामले में कोई साम्प्रदायिक एंगल नहीं था।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। यूजर के फेसबुक पर चार हजार नौ सौ से ज्यादा फ्रेंड्स मौजूद हैं। Kapil Yadav उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2019 में बिहार में हुई एक घटना का है।
- Claim Review : नई सरकार बनने पर एक बेकसुर की जान लेकर बिजेपी के गुण्डों ने मनाया जश्न।
- Claimed By : Kapil Yadav
- Fact Check : भ्रामक
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