विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि चंडीगढ़ के 2020 के वीडियो को कुछ लोग रतन लाल की गिरफ्तारी से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। वीडियो चंडीगढ़ में लॉकडाउन के दौरान का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। शिवलिंग पर विवादित पोस्ट करने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भले ही जमानत मिल गई हो, लेकिन उन्हें लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को एक डंडेनुमा उपकरण की सहायता से गाड़ी पर चढ़ाते हुए दिख रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो रतन लाल की गिरफ्तारी का है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी निकला। दरअसल जिस वीडियो को रतन लाल से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, वह 2020 में लॉकडाउन के दौरान का है। उस वक्त चंडीगढ़ पुलिस की वीआईपी सुरक्षा विंग ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए एक अनोखा उपकरण बनाया था। वीडियो उसी दौरान पकड़े गए एक व्यक्ति का है। इसका रतन लाल से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘राजेन्द्र जाधव’ ने 21 मई को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा : ‘शिवलिंग पर घटिया और बेहूदा बयान देने वाला दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर “रतन लाल” को दिल्ली पुलिस ने धरदबोचा..’
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर कई अन्य यूजर्स भी इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने रतन लाल के नाम पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल इनविड का इस्तेमाल किया। वीडियो को इनविड टूल में अपलोड करके कई ग्रैब्स निकाले। फिर उन ग्रैब्स को गूगल रिवर्स सर्च टूल की सहायता से सर्च किया। सर्च के दौरान हमें एनडीटीवी की बेवसाइट पर 25 अप्रैल 2020 को एक रिपोर्ट प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलती-जुलती एक तस्वीर भी लगाई गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह वीडियो चंडीगढ़ का था। लॉकडाउन के दौरान चंडीगढ़ पुलिस की वीआईपी सुरक्षा विंग ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के लिए एक पांच फीट लंबी धातु का एक ऐसा उपकरण बनाया है। जिससे पुलिस उनके संपर्क में आए बिना उन्हें पकड़कर पुलिस वाहन तक ले जाया जा सके। पूरी खबर यहां पढ़ें।
एनडीटीवी की खबर के साथ हमें डीजीपी चंडीगढ़ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी वायरल वीडियो मिला। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा था, ‘चंडीगढ़ पुलिस के वीआईपी सुरक्षा विंग ने कर्फ्यू तोड़ने वालों और कोरोना संदिग्धों को पकड़ने का अनूठा तरीका तैयार किया है। शानदार उपकरण, शानदार अभ्यास!!!
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने कीवर्ड बनाकर गूगल ओपन सर्च किया। जहां हमें 26 अप्रैल 2020 को एबीपी लाइव और लाइव हिन्दुस्तान पर भी इससे जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित मिली। इस रिपोर्ट में भी इसे लॉकडाउन के दौरान, चंडीगढ़ पुलिस के वीआईपी सुरक्षा विंग द्वारा बनाए गए उपकरण के बारे में बताया गया।
हमारी पड़ताल के दौरान यह स्पष्ट हो गया था कि वायरल वीडियो रतन लाल की गिरफ्तारी के दौरान का नहीं है। इसकी पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण चंडीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार सुमित सिंह श्योराण को संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो करीब 2 साल पुराना है। चंडीगढ़ पुलिस ने कोरोना काल में लोगों को पकड़ने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए यह इक्विपमेंट तैयार करवाया था।
पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। फेसबुक यूजर ‘राजेन्द्र जाधव’ को 310 लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित पोस्ट शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि चंडीगढ़ के 2020 के वीडियो को कुछ लोग रतन लाल की गिरफ्तारी से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। वीडियो चंडीगढ़ में लॉकडाउन के दौरान का है।
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