Fact Check: मध्य प्रदेश का पुराना वीडियो अजमेर के नाम से गलत संदर्भ में वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो अजमेर का नहीं है। यह वीडियो 2020 मध्य प्रदेश का है जब रतलाम में COVID-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में आर्मी वालों को 2 लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह घटना अजमेर की है, जहां ये दो व्यक्ति पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़े गए। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो 2020 मध्य प्रदेश का है, जब रतलाम में COVID-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Pankaj Sinha ने 21 फरवरी को यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “अजमेर से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद यूनुस,अहमद मौलाना,और सद्दाम को सेना ने ढङे मारे”

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले InVID टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स निकाले। इनको रिवर्स इमेज से सर्च करने पर हमें Oneindia Hindi नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला, जिसमें यह क्लिप भी थी। वीडियो को 18 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया था।


वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “Seeing the spread of coronavirus infection, all the shrines have been closed, but some people are still not ready to understand the severity of the corona crisis. On Friday, some people were arrested while performing mass prayers at a mosque on Unkala Road, Ratlam.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है- “कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलते देख सभी धर्मस्थलों को बंद कर दिया गया है, लेकिन कुछ लोग अभी भी कोरोना संकट की गंभीरता को समझने को तैयार नहीं हैं। शुक्रवार को रतलाम के उनकला रोड स्थित एक मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया।”

हमें यह वीडियो इसी डिस्क्रिप्शन के साथ Newsroom Post के फेसबुक पेज पर भी 17 अप्रैल 2020 को अपलोडेड मिला। डिक्रिप्शन में लिखा था, “#Lockdown उल्लंघन : #MadhyaPradesh के रतलाम में मस्जिद में पढ़ी गई नमाज पुलिस का एक्शन, मौलवी समेत कई लोगों को भेजा गया जेल

हमने इस विषय में पुष्टि के लिए मध्य प्रदेश स्थित अख़बार नईदुनिया की इनपुट हेड रुमनी घोष से बात की। उन्होंने कन्फर्म किया कि यह मामला 2020 का है, जब रतलाम में उनकला रोड स्थित एक मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा करते हुए कुछ लोगों को कोविड नियमों का पालन न करने के कारण गिरफ्तार किया गया था।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Pankaj Sinha की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर लखनऊ का रहने वाला है और उसके फेसबुक पर 800 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो अजमेर का नहीं है। यह वीडियो 2020 मध्य प्रदेश का है जब रतलाम में COVID-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट