Fact Check : मूर्तियों को जेसीबी मशीन से उठाने का पुराना वीडियो झूठे दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। गुजरात के पुराने वीडियो को कुछ लोग एडिट करके एक समुदाय विशेष के खिलाफ फैला रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में कोरोना की भयावहता के बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक वीडियो को एडिट कर के अलग से ऑडियो डालते हुए दावा किया गया कि कोरोना के कारण भारत में हिंदुओं ने अपने भगवानों की मूर्तियों को तोड़ना शुरू कर दिया। कुरान की वजह से आंखें खुल गईं। दावा किया जा रहा है कि भारत में हिंदुओं ने इस्‍लाम स्‍वीकार कर लिया। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल वीडियो फर्जी निकला।

हमारी पड़ताल में पता चला कि अहमदाबाद के पुराने वीडियो को एडिट करके इसमें अलग से ऑडियो जोड़ा गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राहुल जी ने 8 मई को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा : ‘एक दिन सबकी गलती टूट जाएगी, भगवान कुछ नहीं कर सकता।’

वीडियो को एडिट कर इसमें अलग से आवाज जोड़ते हुए हिंदुओं के खिलाफ कंटेंट डाला गया है। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसके बाद इस वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब्‍स के माध्‍यम से ओरिजनल सोर्स खोजना शुरू किया। इससे मिलता-जुलता एक वीडियो हमें एबीपी अस्मिता के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसमें बताया गया कि अहमदाबाद के रिवर फ्रंट पर दशा माता की मूर्ति छोड़ दी गई। यह वीडियो 11 अगस्‍त 2019 को पोस्‍ट किया गया।

पड़ताल के दौरान हमें एक वेरिफाइड अकाउंट पर भी वायरल वीडियो से संबंधित कई तस्‍वीरें मिलीं। अहमदाबाद म्‍युनिसिपल कॉरपोरेशन के पूर्व कमिश्‍नर विजय नेहरा नाम के इस अकाउंट पर मौजूद तस्‍वीरें वायरल वीडियो में दिख रहीं मूर्तियों जैसी ही थी।

https://twitter.com/vnehra/status/1160399234950029312

जांच के दौरान हमें विजय नेहरा के ट्वीट पर एक रिप्‍लाई मिला। इसे सागर सावलिया नाम के एक यूजर ने 11 अगस्‍त 2019 को किया था। इसमें हमें वही वीडियो मिला, जो अब वायरल हो रहा है। इससे एक बात तो साफ हो गई कि वीडियो अगस्‍त 2019 से इटरनेट पर मौजूद है।

https://twitter.com/sagarsavaliya05/status/1160591252712067072

इसके बाद हमने गुजरात के वरिष्‍ठ पत्रकार प्रशांत नेमा से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि गुजरात में दशा मां का व्रत रखा जाता है। इसके बाद मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है। 2019 में इसी व्रत के दौरान लोगों ने बहुत सारी मूर्तियां साबरमती रिवर फ्रंट में बहाने के लिए रखी थीं, जिसे अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने हटाया था। वीडियो उसी दौरान का है।

अब बारी थी फर्जी वीडियो को वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर राहुल जी सामसी का रहने वाला है। इसके 682 फॉलोअर हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। गुजरात के पुराने वीडियो को कुछ लोग एडिट करके एक समुदाय विशेष के खिलाफ फैला रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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