Fact Check: रोहिंग्या के नाम पर टोपी उछाले जाने का दावा गलत, पुराना वीडियो हो रहा वायरल


नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सड़क किनारे लोगों का हुजूम नजर आ रहा है, जो सड़क के बीचों बीच निकल रही बाइक रैली में बाइक पर सवार लोगों सिर पर लगी टोपी को उछाल रहे हैं। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है पश्चिम बंगाल में कथित रूप से रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशियों ने पार्टी विशेष के कार्यकर्ताओं के साथ बुरा बर्ताव किया। वायरल किया जा रहा दावा गलत है और जिस वीडियो के हवाले से यह दावा किया गया, वह पुराना और किसी और घटना का है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर शेयर किए गए पोस्ट में कहा गया है, ”2019 के लोकसभा चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी का समर्थन नहीं दिया तो यह घटना पूरे भारत में जल्दी देखने को मिलेगा

पश्चिम बंगाल मे रोहिंग्या और बांग्लादेशी रिफ्यूजी के बस्तियों से जब भाजपा कार्यकर्ता गुजर रहे थे तब वहां के रहने वाले रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी उनके साथ ऐसा सलूक कर रहे थे।”

दिलीप सिंह (Dilip Singh) ने इस वीडियो को साझा किया है। पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को 465 बार शेयर किया जा चुका है, और 8,563 लोग इसे देख चुके हैं। वीडियो पर 23 लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है।

पड़ताल?

हमने जब इस वीडियो की पड़ताल शुरू की, तो हमें पता चला कि यह वीडियो काफी पुराना है। रिवर्स इमेज की मदद से हमें पता चला कि यह वीडियो सबसे पहले गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने अपने ट्विटर पर इसे शेयर किया था। जिसे 2019 में एक बार फिर से रोहिंग्या वाले दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

संबंधित पोस्ट में जहां इस पोस्ट को पश्चिम बंगाल का बताकर वायरल किया जा रहा है, वहीं अन्य जगह इसे दिल्ली का बताकर वायरल किया जा रहा है।

मेवाणी ने इस वीडियो को 7 दिसंबर 2017 को शाम 7.17 मिनट पर शेयर किया है। मेवाणी ने इस वीडियो को गुजरात का बताते हुए लिखा है, ”दोस्तों गुजरात का ये वीडियो जरूर देखिये, जनता बीजेपी से इतनी परेशान हो गयी है कि बीजेपी को वोट देना तो साइड में रह जाएगा, जनता बीजेपी कार्यकर्ता के टोपी और स्कार्फ तक निकाल देते है, अगर बीजेपी ने विकास ही किया होता तो उनके कार्यकर्ता का ऐसा स्वागत ना होता।”

मेवाणी ने अपने ट्वीट में यह नहीं बताया है कि यह वीडियो गुजरात के किस जगह की है। सर्च को आगे बढ़ाने पर हमें यू-ट्यूब पर एक और वीडियो मिला, जिसे 9 दिसंबर 2017 को अपलोड किया गया है। इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में इसे गुजरात के हीरा बाजार का बताया गया है।

इसके बाद हमने न्यूज सर्च की मदद से इसकी पुष्टि की। न्यूज सर्च में हमें एक हिंदी चैनल का लिंक मिला, जिसमें बताया गया है कि सूरत के हीरा बाजार की सड़क के दोनों साइड लोगों को हुजूम खड़ा है और उनके बीच से बीजेपी के कार्यकर्ता अपनी बाइक से गुजर रहे हैं। हालांकि सड़क पर बहुत भीड़ है,  बीजेपी कार्यकर्ताओं की रफ्तार धीमी है।

इस दौरान सड़क किनारे खड़े लोग बीजेपी कार्यकर्ताओं की टोपी और झंडे उछाल रहे हैं। स्थानीय लोगों के इस व्यवहार के बावजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किसी तरह का कोई प्रतिरोध नहीं किया। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक हीरा बाजार में पटेल समुदाय के लोग बीजेपी कार्यकर्ताओं की टोपी उछाल रहे थे। उन्होंने यहां रैली का विरोध किया था। हालांकि स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये वीडियो कब का है।”

एक बार फिर से न्यूज सर्च की मदद से हमने बंगाल में ऐसी बाइक रैली के बारे में सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली। इसमें हमें कोलकाता में बीजेपी की बाइक रैली के बारे में रिपोर्ट्स मिली, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। हमारी जांच में यह साबित होता है कि जिस वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर वायरल किया गया, वह दरअसल गुजरात का था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा गलत साबित होता है। जिस वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, वह गुजरात का पुराना वीडियो है। वीडियो में पार्टी विशेष के समर्थकों की टोपी उछाल रहे लोग रोहिंग्या या बांग्लादेशी नहीं, बल्कि वहीं के स्थानीय लोग हैं।

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