नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में लोगों के समूह को भगवा झंडे लिए हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते सुना और देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। जेएनयू के नाम से वायरल हो रहा यह वीडियो ठाणे में हुए गणपति विसर्जन का है, जिसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Save Hinduism’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए इसे जेएनयू में हुई नारेबाजी का बताया है। वायरल वीडियो में लोगों की भीड़ देखी जा सकती है, जो भगवा झंडा लहराते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रही है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के ओरिजिनल सोर्स का पता लगाने InVID टूल की मदद से मिले उसके की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें यह वीडियो ‘LIMRA TIMES’ नामक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।
चार अक्टूबर 2018 को अपलोड किए गए वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह ठाणे का वीडियो है, जहां पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की गई।
इस वीडियो में रिपोर्टर का नंबर भी दिया हुआ था, लेकिन इसके सेवा में नहीं होने की वजह से हम संबंधित रिपोर्टर से संपर्क नहीं कर पाए। वीडियो के साथ मिले की-वर्ड्स के साथ हमने सोशल मीडिया सर्च का सहारा लिया। सर्च में हमें यह वीडियो फेसबुक यूजर ‘Akshay Sawant’की प्रोफाइल पर मिला, जिसे उन्होंने 23 सितंबर 2018 को लाइव रिकॉर्ड किया था। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘Hindu Jagruti Visarjan Miravnuk.’
विश्वास न्यूज ने अक्षय सावंत से फेसबुक पर संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘यह वीडियो ठाणे के गणपति विसर्जन का है।’
यहां से मिले की-वर्ड के आधार पर सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर ‘Chetan Ware’ के नाम से मौजूद हैंडल पर 29 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो का लंबा वर्जन है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो ठाणे वेस्ट में 2018 के सितंबर महीने में हुए गणेश विसर्जन का है।
हमने इस वीडियो को लेकर JNUSU के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून से संपर्क किया। उन्होंने इस वीडियो के JNU कैंपस से जुड़े होने के दावे का खंडन किया।
जेएनयू से हाल ही में उत्तीर्ण हुए और फिर से पीएचडी के लिए दाखिले का इंतजार कर रहे एक अन्य छात्र विकास पटेल ने भी बताया कि यह जेएनयू का नहीं है।
इस वीडियो में बड़ी संख्या में लोगों को एक जगह बिना मास्क के एकत्रित देखा जा सकता है, जिससे इसके कोरोना महामारी के पूर्व के होने की पुष्टि होती है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर करीब पांच हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: जेएनयू में पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2018 में ठाणे में हुए गणपति विसर्जन का है, जिसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
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