विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि पोस्ट में वीडियो को दिल्ली हिंसा का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह फर्जी है। असली वीडियो मध्य प्रदेश के धार जिले में हुई मॉब लिंचिंग का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सोशल मीडिया में कई फर्जी तस्वीरें, वीडियो और खबरों को जानबूझकर वायरल किया जा रहा है। इसी क्रम में एक वीडियो को वायरल करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि संबंधित वीडियो दिल्ली हिंसा का है। इस वीडियो में भीड़ को एक व्यक्ति को बुरी तरह मारते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने जब वायरल वीडियो की पड़ताल की तो हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। दरअसल, जिस वीडियो को दिल्ली का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह मध्य प्रदेश के धार जिले में 5 फरवरी को हुई एक मॉब लिंचिंग का है।
मोहम्मद अरशद नाम के ट्विटर हैंडल ने 28 फरवरी 2020 को वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ”The Pitcher of Indian terrorism RSS #DelhiViolance #DelhiGenocide2020 #DelhiBurning”
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की शुरुआत वीडियो की स्कैनिंग से की। वीडियो में भीड़ को एक शख्स को बुरी तरह लाठियों, ईंटों और पत्थरों से मारते हुए देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, एक गुलाबी जैकेट पहने हुए शख्स को एक बड़ा-सा पत्थर पीड़ित शख्स के ऊपर फेंकते हुए देखा जा सकता है।
इसके बाद हमने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड कई वीडियो ग्रैब निकाले। सर्च के दौरान हमें आजतक के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि मध्य प्रदेश के धार जिले के गांव में पैसा मांगने पर बेकाबू भीड़ ने बच्चा चोरी के आरोप में कुछ लोगों पर हमला कर दिया। घटना तिरला थाना क्षेत्र की थी। खबर के वीडियो को 6 फरवरी को अपलोड किया गया।
इसके बाद हमने मध्य प्रदेश के अखबारों को खंगालना शुरू किया। हमें 6 फरवरी को नईदुनिया के ईपेपर में धार की एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि 5 फरवरी को सांवेर के किसान मनावर पैसे लेने गए थे। तभी किसी ने बच्चा चोर की अफवाह उड़ाकर उन पर हमला कर दिया।
खबर के मुताबिक, “दो कारों में सवार सात लोगों को बुधवार सुबह करीब 11 बजे गांव खिरकिया में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने घेर लिया। उन्मादी भीड़ ने बच्चा चोर कहकर कारों पर पथराव किया और कार सवार लोगों के साथ जमकर मारपीट की। तोड़फोड़ कर एक कार में आग लगा दी गई। पथराव और मारपीट से एक किसान की मौत हो गई और छह घायल हो गए।”
सर्च के दौरान हमें ANI का भी एक ट्वीट मिला। इसमें धार के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के हवाले से बताया गया कि पैसे के लेनदेन को लेकर पूरा बवाल हुआ था।
पड़ताल के दौरान हमने मध्य प्रदेश के धार जिले के तिरला थाना प्रभारी से संपर्क किया। थाना प्रभारी एस नागर ने विश्वास न्यूज को बताया, “वायरल वीडियो बोरलाई (धार)मॉब लिंचिंग कांड से संबंधित है।”
अंत में हमने मोहम्मद अरशद के ट्विटर हैंडल की जांच की। इसकी सोशल स्कैनिंग में हमें पता चला कि यूजर सऊदी अरब के जेद्दा का रहने वाला है। यूजर ने अपना हैंडल नवंबर 2016 में बनाया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि पोस्ट में वीडियो को दिल्ली हिंसा का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह फर्जी है। असली वीडियो मध्य प्रदेश के धार जिले में हुई मॉब लिंचिंग का है।
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