Fact Check : भाजपा नेताओं का यह वीडियो चुनाव प्रचार का नहीं, 2017 का है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। लोकसभा चुनाव जितने नजदीक आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें और वीडियो उतनी ही तेजी से बढ़ रहे हैं। फेसबुक पर 18 महीने पुराने एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि जब बीजेपी नेता वोट मांगने आए तो लोगों ने दौड़ाकर पीटा। विश्‍वास टीम की जांच में यह दावा गलत साबित हुआ। जिस वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है, वह 4 अक्‍टूबर 2017 का है। पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्‍यक्ष कुछ नेताओं के साथ दार्जिलिंग गए थे। वहीं पर उन पर यह हमला हुआ था। इस वीडियो का वोट मांगने से कोई लेना-देना नहीं है।

क्‍या है वायरल वीडियो में?

News Live (@NewsLive4you) नाम के फेसबुक पेज पर 20 मार्च 2019 को दोपहर 3:53 बजे अपलोड किए गए इस वीडियो में कुछ लोग भाजपा के नेताओं की पिटाई करते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो के साथ कैप्‍शन में दावा किया गया है : ‘वोट मांगने आए बीजेपी नेता को लोगों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इसे कहते हैं हाथ की सफाई। ‘

2 मिनट 13 सेकंड के इस वीडियो को अब तक चार लाख बार देखा जा चुका है, जबकि इसे 19 हजार से ज्‍यादा लोगों ने शेयर किया है। इतना ही नहीं, इस पोस्‍ट पर अब तक 870 कमेंट आ चुके हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह वीडियो कितना वायरल हो चुका है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने बीजेपी नेता की पिटाई के वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए इसकी पड़ताल की। सबसे पहले हमने वीडियो को InVID में डालकर सर्च किया। इसके बाद गूगल रिवर्स इमेज की मदद से असली घटना तक पहुंचने का प्रयास किया,लेकिन हमें कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी।

इसके बाद हमने पूरे वीडियो को ध्‍यान से देखा और सुना। इसे दो बातें साफ हुईं। पहली तो यह कि जो लोग भाजपा नेता की पिटाई कर रहे हैं, उनके नैन-नक्‍श नार्थ ईस्‍ट के लोगों जैसे हैं। दूसरी बात हमें पता लगी कि वीडियो में जो भी बोला जा रहा है, वह बांग्‍ला में है।

इसके बाद हमने गूगल सर्च में ‘बंगाल में भाजपा नेताओं की पिटाई’ टाइप करके सर्च किया। इसके बाद हमें कई खबरों और वीडियो के‍ लिंक मिले। इसके बाद विश्‍वास टीम ने गूगल सर्च में टाइम लाइन का यूज करते हुए अक्‍टूबर 2017 का मंथ सेट किया। इसके बाद हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर मिली। खबर की हेडिंग थी : दार्जिलिंग में भाजपा के प्रतिनिधि दल पर हमला। यह खबर वेबसाइट पर 6 अक्‍टूबर 2017 को पोस्‍ट की गई।

jagran.com पर प्रकाशित खबर

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, दार्जिलिंग गए भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि दल पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। प्रतिनिधि मंडल में पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष भी शामिल थे। कुछ लोगों ने लात-घूंसों से नेताओं और कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी, जिसमें कई लोग घायल भी हो गए थे।

jagran.com पर प्रकाशित खबर

वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि इन नेताओं की पिटाई उस वक्‍त हुई, जब वे वोट मांगने गए थे, जबकि सच्‍चाई यह नहीं है। ये नेता विजय दशमी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गए थे। ऐसे में यह कहना है कि वोट मांगने गए थे, पूरी तरह गलत है।

पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया कि जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह पुराना है। उस वक्‍त दार्जिलिंग में एक हॉल के अंदर सभा के दौरान कुछ लोगों ने उत्‍पात मचाया था। जिसके बाद जब हम लोग वहां से निकल रहे थे, तभी इन लोगों ने हमला कर दिया था।

Youtube पर जब हमने इस घटना के वीडियो को सर्च किया तो हमें NMF News के चैनल पर अपलोड वीडियो मिला। इसे 6 अक्‍टूबर 2017 को अपलोड किया गया था। इसे अब तक 1.22 लाख से ज्‍यादा बार देखा जा चुका है। पूरा वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।

Youtube पर मौजूद है ओरिजनल वीडियो

वीडियो की सच्‍चाई पता लगाने के बाद हमने उस पेज की सत्‍यता जानने का प्रयास किया, जो पुराने वीडियो को अब वायरल कर रहा है। News Live नामक फेसबुक पेज को 90 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। Stalkscan से हमें पता चला कि इस पेज पर अधिकांश पोस्‍ट भाजपा और उसके नेताओं के खिलाफ होती है। यह पेज 28 मार्च 2018 को बनाया गया।

पुराने वीडियो को वायरल करने वाला फेसबुक पेज

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में हमें पता चला कि जिस वीडियो को लोकसभा चुनाव के माहौल के बीच वायरल किया जा रहा है, वह 2017 का है। उस दौरान भाजपा नेता दार्जिलिंग में एक हॉल के अंदर एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान कुछ लोगों ने भाजपा नेताओं पर हमला कर दिया था।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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Symbols that define nature of fake news
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