Fact Check : बिहार चुनाव में मारपीट के नाम पर वायरल हुआ दो साल पुराना वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में बिहार में भाजपा नेताओं की पिटाई के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। करीब दो साल पुराने वीडियो को बिहार चुनाव से जोड़कर वायरल किया गया।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक व्‍यक्ति भीड़ द्वारा पीटते हुए दिख रहा है। यूजर दावा कर रहे हैं कि वीडियो बिहार चुनाव से जुड़ा हुआ है। दावा यहां तक किया जा रहा है कि हिंदू मुस्लिम में नफरत फैलाने के कारण भाजपा नेताओं की भीड़ ने पिटाई कर दी।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्‍ट झूठी है। यह वीडियो कम से कम दो साल से इंटरनेट पर मौजूद है। इसका बिहार चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर शाहिल अली ने 6 नवंबर को एक वीडियो को अपलोड किया। साथ में दावा किया : ‘#बिहार में कल वोटिंग से ठीक पहले #हिन्दू -मुस्लिम की नफ़रत फैला रहे #भाजपा नेताओं और #कार्यकर्ताओं की (हिन्दू और मुस्लिम भाईयों ने मिलकर जूता से पीटा।’

इस वीडियो को दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड किया। इससे कई वीडियो ग्रैब्‍स निकाले। इसके बाद इन ग्रैब्‍स को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें सबसे पुराना और ज्‍यादा अवधि का वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला। Shamshudin Shamshu नाम के चैनल पर इस वीडियो को 17 अप्रैल 2018 को अपलोड किया गया था।

https://www.youtube.com/watch?v=j3MHnqx_bfg&feature=emb_logo

वीडियो को ध्‍यान से देखने पर हमें कुछ दुकान के नाम बांग्‍ला में लिखे हुए नजर आए। मतलब साफ था कि पश्चिम बंगाल के पुराने वीडियो को अब बिहार चुनाव से जोड़कर दुष्‍प्रचार फैलाने में इस्‍तेमाल किया गया।

पड़ताल के अगले चरण में हमने दैनिक जागरण के पश्चिम बंगाल ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी से सम्पर्क किया। उन्होंने मामले को लेकर बताया, “ये बंगाल का पुराना वीडियो है। इसकी सही लोकेशन बताना मुश्किल है।”

पड़ताल के अगले चरण में हमने उस यूजर के अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने फर्जी पोस्‍ट वायरल की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर शाहिल अली यूपी के उरई के रहने वाले हैं। एक खास राजनीतिक दल से प्रभावित ये यूजर सोशल मीडिया में काफी सक्रिय हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में बिहार में भाजपा नेताओं की पिटाई के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। करीब दो साल पुराने वीडियो को बिहार चुनाव से जोड़कर वायरल किया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
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