अक्टूबर 2011 में प्रशांत भूषण पर हुए हमले के वीडियो की एक क्लिपिंग को कुछ लोग अब वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। लगभग 9 साल पुरानी घटना को अब वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सुप्रीम कोर्ट अवमानना केस से चर्चा में आए सीनियर वकील प्रशांत भूषण को लेकर सोशल मीडिया पर कई प्रकार के झूठ वायरल हो रहे हैं।
ट्विटर और वॉट्सऐप पर प्रशांत भूषण पर हमले का पुराना वीडियो अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं। इसमें एक शख्स को प्रशांत भूषण के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि 2011 के एक पुराने वीडियो को अब कुछ लोग फिर से वायरल कर रहे हैं। 2011 में प्रशांत भूषण से नाराज कुछ युवकों ने उनके ऑफिस में घुसकर उनके साथ मारपीट की थी।
ट्विटर हैंडल रंजन (@IM_Ranjan24x7) ने एक न्यूज चैनल की पुरानी क्लिपिंग को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘नये अंदाज में आनंद ले, प्रशांत भूषण की कुटाई का……मजा आये तो RT ठोको।’
ट्वीट का आर्काइव्ड वर्जन देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले अब वायरल हो रहे 48 सेकंड के वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें एक शख्स को प्रशांत भूषण के ऊपर हमला करते हुए देखा जा रहा है। वीडियो में अलग से वॉइस ओवर करते हुए गालियों का इस्तेमाल किया गया।
पड़ताल के अगले चरण में हमने वीडियो को InVID टूल में अपलोड किया। कई वीडियो ग्रैब निकाले। इसे रिवर्स इमेज टूल के जरिए खोजने का प्रयास किया। हमें यही फुटेज टाइम्स नाउ की एक पुरानी खबर में मिला। 13 अक्टूबर 2011 को टाइम्स नाउ के यूट्यूब चैनल पर अपलोड खबर में बताया गया कि भगत सिंह क्रांति सेना के एक सदस्य ने प्रशांत भूषण पर हमला किया। कुछ लोगों ने प्रशांत भूषण के ऑफिस में घुसकर उनके साथ मारपीट की थी। पूरी खबर आप यहां देख सकते हैं।
गूगल सर्च के दौरान हमें बीबीसी हिंदी पर एक खबर मिली। 13 अक्टूबर 2011 को पब्लिश्ड खबर में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील और टीम अन्ना के सदस्य रहे प्रशांत भूषण पर हमला करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने प्रशांत भूषण से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि एक पुरानी घटना को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं। यह अक्टूबर 2011 की घटना थी।
अंत में हमने प्रशांत भूषण के हमले के पुराने वीडियो को फिर से वायरल करने वाले की जांच की। हमें पता चला कि रंजन नाम का यह ट्विटर हैंडल मार्च 2015 में बना था। इसे आठ हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: अक्टूबर 2011 में प्रशांत भूषण पर हुए हमले के वीडियो की एक क्लिपिंग को कुछ लोग अब वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। लगभग 9 साल पुरानी घटना को अब वायरल किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।