बिहार के औरंगाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पर हुए हमले के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो मुजफ्फरपुर में हुई एक पुरानी घटना का है, जिसमें नाराज ग्रामीणों ने पुलिसवालों की पिटाई कर दी थी।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम की कोशिशों के बीच देश के कई हिस्सों में पुलिस और मेडिकल टीम पर हमला हो चुका है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें एक घायल पुलिसवाले को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बिहार के औरंगाबाद जिले के एकौनी गांव का है, जहां पर ग्रामीणों ने जांच के लिए गई पुलिस और मेडिकल टीम पर हमला कर दिया।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वास्तव में यह वीडियो एक पुरानी घटना का है, जिसका लॉकडाउन और कोरोना वायरस से जुड़ी घटना से कोई लेना-देना नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘The News Khazana’ ने वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”औरंगाबाद जिले के एकौनी गांव में ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर किया हमला ,जांच के लिए पुलिस मेडिकल टीम के साथ गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने हमला कर दिया, डीएसपी सहित 12 लोग जख्मी।”
न्यूज सर्च में हमें एक खबर मिली। इसके मुताबिक, बिहार के औरंगाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला किया। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में भी स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पर हमला किया था। खबर के मुताबिक, औरंगाबाद के एकौनी गांव में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को पीटा गया और वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई।
एकौनी गांव, गोह थाना के क्षेत्राधिकार में आता है। विश्वास न्यूज ने इसे लेकर गोह के थाना प्रभारी मनोज कुमार से बात की। उन्होंने बताया, ‘मेडिकल टीम और उसके साथ गई पुलिस टीम पर हमला हुआ था और इसके बाद जब अतिरिक्त पुलिसबल उन्हें बचाने गई तो उन पर भी हमला हुआ, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए। गोह थाना प्रभारी समेत कई अन्य थानों के प्रभारी के अलावा डीएसपी को भी इस हमले में चोटें आईं।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अभी तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया है।’
यानी बिहार के औरंगाबाद के एकौनी गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला हुआ। इसके बाद हमने इस खबर के साथ वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता जांचने का फैसला किया।
InVID से मिले की-फ्रेम को रिवर्स इमेज करने पर हमें स्थानीय समाचार चैनल ‘प्रभात वार्ता’ का एक वीडियो मिला, जिसे 9 सितंबर 2019 को अपलोड किया गया है।
खबर के मुताबिक, यह वीडियो मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाने का है, जब इलाके में दो युवकों का शव मिलने के बाद नाराज ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया। इसके बाद जब पुलिसवाले वहां पहुंचे तो भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी। इसमें पुलिसवाले भी घायल हुए थे।
एनडीटीवी इंडिया पर भी हमें यह खबर मिली। 8 सितंबर 2019 को प्रकाशित खबर में वायरल हो रहे वीडियो को देखा जा सकता है।
यानी जो वीडियो औरंगाबाद में मेडिकल और पुलिस टीम पर हुए हमले के दावे के साथ वायरल हो रहा है, वह वास्तव में मुजफ्फरपुर में हुई पुरानी घटना का है।
वायरल वीडियो शेयर करने वाले फेज को फेसबुक पर करीब नौ हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। इस पेज पर खबरों को शेयर किया जाता है।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: बिहार के औरंगाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पर हुए हमले के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो मुजफ्फरपुर में हुई एक पुरानी घटना का है, जिसमें नाराज ग्रामीणों ने पुलिसवालों की पिटाई कर दी थी।
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