विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ममता बनर्जी के गुस्सा करने का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2006 का है और तत्कालीन बंगाल सरकार के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन का है। दरअसल उनका आरोप था कि प्रदेश सरकार ने उनकी सिंगुर यात्रा में बाधा डाली है और उन्हें सिंगुर जाने से रोका गया है। इसी के खिलाफ उन्होंने बंगाल में विरोध प्रदर्शन किया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गुस्से में लोगों पर चिल्लाने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को 3 जून को शेयर किया है, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसे लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल से जोड़कर शेयर किया जा रहा है और वह एग्जिट पोल के नतीजों से निराश हैं इसलिए लोगों पर गुस्सा निकाल रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2006 का है और तत्कालीन बंगाल सरकार के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन का है। दरअसल उनका आरोप था कि प्रदेश सरकार ने उनकी सिंगुर यात्रा में बाधा डाली है और उन्हें सिंगुर जाने से रोका गया है। इसी के खिलाफ उन्होंने बंगाल में विरोध प्रदर्शन किया था।
फेसबुक यूजर एस ई के समीम ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, “ममता दीदी को इतना गुस्सा क्यों आ रहा है। लगता है कि किसी बात से परेशान हैं इसलिए गुस्सा आ गया।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी वीडियो (आर्काइव लिंक) काजल चौधरी नामक एक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो को 18 अप्रैल 2011 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, ममता बनर्जी और टीएमसी सदस्यों की ओर से किए गए प्रदर्शन का बताया गया है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) एनडीटीवी की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 30 नवंबर 2006 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में वीडियो के लंबे वर्जन को लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल विधानसभा के अंदर ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 30 नवंबर 2006 को प्रकाशित एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के अनुसार, ममता बनर्जी का आरोप था कि वो तत्कालीन सरकार की कई नीतियों के खिलाफ सिंगुर में मार्च निकाल रही थी। लेकिन सरकार ने उन्हें यह मार्च नहीं निकालने दिया। उनके मार्च में बाधा डाली गई और उन्हें सिंगुर जाने से रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सभा में जमकर हंगामा किया।
अधिक जानकारी के लिए हमने कोलकाता दैनिक जागरण के संवाददाता राजीव झा से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है।
अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को एक हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ममता बनर्जी के गुस्सा करने का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2006 का है और तत्कालीन बंगाल सरकार के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन का है। दरअसल उनका आरोप था कि प्रदेश सरकार ने उनकी सिंगुर यात्रा में बाधा डाली है और उन्हें सिंगुर जाने से रोका गया है। इसी के खिलाफ उन्होंने बंगाल में विरोध प्रदर्शन किया था।
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