Fact Check : स्‍ट्रेचर खींचते हुए बच्‍चे का पुराना वीडियो फिर से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। जुलाई 2020 का वीडियो अब वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक बच्‍चे और एक औरत को एक स्‍ट्रेचर खींचते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स द्वारा वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है। इससे यह भ्रम हो रहा है कि वीडियो हाल-फिलहाल का ही है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वीडियो जुलाई 2020 का निकला।

विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी वायरल वीडियो की जांच की थी। पड़ताल में पता चला कि देवरिया के सरकारी अस्‍पताल में जुलाई 2020 को यह शर्मनाक घटना घटी थी। पुरानी पड़ताल को आप यहां पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सुमित्तर भुल्लर ने 25 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ‘इससे ज्यादा आत्मनिर्भर भारत क्या बनाएंगे प्रभु’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल वीडियो की जांच कर चुका है। उस वक्‍त इस वीडियो को बिहार के नाम पर वायरल किया गया था। गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से जब हमने सर्च को शुरू किया तो हमें जागरण डॉट कॉम पर एक पुरानी खबर मिली। 20 जुलाई 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि देवरिया जिला अस्पताल के एक वी‍डियो में दिख रहा है कि एक घायल व्यक्ति स्ट्रेचर पर है और एक महिला मासूम बच्चे की सहायता से स्ट्रेचर को खींच रही है। महिला का आरोप है कि वार्ड में तैनात दाई ने स्ट्रेचर खींचने के लिए पैसे मांगे थे। बरहज थाना क्षेत्र के गौरा गांव निवासी छेदी यादव का तीन जुलाई को हुई मारपीट पैर टूट गया था। पट्टी बदलवाने के लिए ड्रेसिंग रूम तक जाने को स्ट्रेचर मांगा तो वार्ड में मौजूद दाई का काम करने वाली महिला ने 30 रुपये घूस मांगा। न देने पर स्ट्रेचर खुद खींचने के लिए कहा। पैसे नहीं थे, इसलिए चार वर्षीय बेटे शिवम के साथ खुद स्ट्रेचर खींचकर पिता को ले गई और पट्टी बदलवाई।

पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

जांच के दौरान हमें वायरल वीडियो कई यूट्यूब चैनलों पर भी मिला। भारत समाचार के यूट्यूब चैनल पर इसे 20 जुलाई 2020 को अपलोड करते हुए‍ लिखा : Deoria में मासूम बच्चा और मां खींच रहे स्ट्रेचर, वार्ड में पहुंचाने के लिए देनी पड़ती है रिश्वत। पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

जांच के अगले चरण में हमने देवरिया के दैनिक जागरण के जिला प्रभारी महेंद्र कुमार त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि यह वीडियो 2020 का है। देवरिया के सरकारी अस्‍पताल में यह घटना घटी थी। इसमें कार्रवाई करते हुए वार्ड ब्वॉय और स्टाफ नर्स का तबादला कर दिया गया था।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर सुमित्तर भुल्लर के पेज को 11 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। भुल्‍लर एक राजनेता और समाजसेवी हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। जुलाई 2020 का वीडियो अब वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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