नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच सोशल मीडिया में झूठी खबरों की भरमार है। पुरानी तस्वीरों और वीडियो के जरिए लगातार फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। कुछ लोग महाराष्ट्र की दो पुरानी तस्वीरों को सोशल मीडिया में वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि राज्य में नागरिकता बिल के समर्थन में विशाल जुलूस और आम सभा की गई।
विश्वास न्यूज ने जब इन दोनों फोटो की पड़ताल की तो हमें पता चला कि कुछ साल पहले महाराष्ट्र में हुए मराठा आंदोलन की तस्वीरों को अब झूठे दावों के साथ इंटरनेट पर फैलाया जा रहा है। 2016 में महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मराठा आंदोलन हुआ था। तस्वीर उसी वक्त की है।
फेसबुक यूजर राकेश कुमार ने 19 दिसंबर को दो तस्वीरों को अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए लिखा : “महाराष्ट्र में नागरिकता बिल के समर्थन में विशाल जुलूस यवं आम सभा!”
विश्वास न्यूज ने दोनों वायरल तस्वीरों की अलग-अलग पड़ताल करने का निर्णय लिया। दोनों तस्वीरों में भीड़ का सैलाब देखा जा सकता है। इसके अलावा भीड़ ने भगवा झंडा थामा हुआ है।
पहली तस्वीर की सच्चाई
पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें टाइम्स ऑफ इंडिया एक लेख में यह तस्वीर मिली। 22 सितंबर 2016 को पब्लिश इस लेख में यह तस्वीर इस्तेमाल की गई थी। तस्वीर के कैप्शन में बताया गया कि 9 अगस्त 2016 को औरंगाबाद में एक मौन विरोध प्रदर्शन किया गया था।
पड़ताल के दौरान यही तस्वीर हमें डीएनए की वेबसाइट पर मिली। 21 सितंबर 2016 को अपलोड इस तस्वीर के लिए बताया गया कि यह जालना में हुए मराठा क्रांति मोर्चा के प्रदर्शन की है। जालना औरंगाबाद संभाग में है। तस्वीर को पीटीआई के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी। यह आंदोलन कोपरडी रेप केस के विरोध में हुआ था। इसके अलावा आरक्षण का इश्यू भी इस आंदोलन में शामिल था।
पड़ताल में यह साबित हुआ कि पहली तस्वीर 9 अगस्त 2016 को औरंगाबाद संभाग के जालना में हुए मराठा आंदोलन की है।
दूसरी तस्वीर की पड़ताल
अब बारी थी नागरिकता कानून के सपोर्ट के नाम पर वायरल हो रही दूसरी तस्वीर की सच्चाई जानने की। इस तस्वीर में हमें बहुत से लोग सफेद टोपी और भगवा झंडे में नजर आए। इस तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया तो हमें एक मराठा लाख मराठा नाम के फेसबुक पेज पर मिली। इस तस्वीर को यहां 16 जनवरी 2017 को अपलोड किया गया था।
इसके बाद गूगल सर्च में हमें यह तस्वीर The Indian Express की वेबसाइट पर मिली। 24 सितंबर 2016 को पब्लिश एक खबर में इस्तेमाल की गई इस तस्वीर के बारे में बताया गया कि यह अहमदनगर में हुए मराठा प्रदर्शन रैली की फोटो है। यह प्रदर्शन शुक्रवार (23 सितंबर 2016) को हुआ था।
इसके बाद हमने मराठाओं के प्रदर्शन को आयोजित करने वालों से संपर्क किया। मराठा क्रांति ठोक मोर्चा प्रमुख आबासाहेब पाटिल ने विश्वास न्यूज को बताया कि कुछ लोग अपने आंदोलन की तस्वीरों का दुप्रयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। वायरल दोनों तस्वीरें हमारे ही मोर्चा के पुराने प्रदर्शन की है।
अंत में विश्वास न्यूज ने फेसबुक यूजर राकेश कुमार की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि इस अकाउंट को जुलाई 2017 में बनाया गया था। यूजर झारखंड के रांची का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जिन तस्वीरों को नागरिकता कानून के समर्थन में हुई रैली की बताया जा रहा है, वह फर्जी है। 2016 में महाराष्ट्र के कई जिलों में मराठा क्रांति मोर्चा ने आंदोलन किए थे। तस्वीरें उसी आंदोलन की है।
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