Fact Check : बांग्लादेश में हुई हिंसा की पुरानी तस्‍वीर को राजस्थान के नाम पर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राजस्थान की तस्‍वीर के नाम पर वायरल की जा रही पोस्‍ट फर्जी निकली। बांग्लादेश में हुई हिंसा की एक पुरानी तस्वीर को कुछ लोग राजस्‍थान के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्‍लेटफॉर्म पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह राजस्थान की है। तस्‍वीर में एक धर्म विशेष के लोगों को देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी निकली। जिस तस्‍वीर को राजस्‍थान का बताकर वायरल किया गया, वह बांग्लादेश में हुई हिंसा की पुरानी तस्वीर है। इसका राजस्थान से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर श्रवण पुरोहित ने 21 मई को एक पोस्ट करते हुए लिखा कि राजस्थान मांगे मोदी सरकार। तस्‍वीर में लिखा हुआ है कि राजस्‍थान चाहे मोदी सरकार। कांग्रेस राज में अफलातून की राजधानी बना राजस्‍थान।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स भी इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर का सच पता लगाने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल्‍स का इस्‍तेमाल किया। गूगल रिवर्स इमेज टूल में वायरल तस्‍वीर को अपलोड करके सर्च करने पर हमें यह तस्‍वीर डेली पायनियर की वेबसाइट पर मिली। 2 नवंबर 2021 को पब्लिश एक लेख में इस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। यह लेख बांग्‍लादेश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर लिखा गया था। इसे यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने सर्च को जारी रखा। वायरल तस्‍वीर हमें कई वेबसाइट पर मौजूद दिखी। लाइवमिंट डॉट कॉम ने 29 मार्च 2021 को अपनी एक खबर में भी इस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया था। तस्‍वीर को एपी फोटो एजेंसी के फोटोग्राफर ने खिंची थी। इसके कैप्‍शन में बताया गया कि बांग्‍लादेश के इस्‍लामिक ग्रुप हिफाजत ए इस्‍लाम से जुड़े कार्यकर्ताओं ने ढाका-चटगांव हाईवे पर ट्रैफिक रोकते हुए टायर्स में आग लगा दी। पूरी खबर यहां पढ़ा जा सकता है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मीडिया एडवाइजर लोकेश शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विपक्ष बौखलाया हुआ है। इसलिए दूसरे देशों की तस्वीरों का इस्तेमाल राज्‍य को बदनाम करने में कर रहा है। यह पोस्ट पूरी तरह से बेबुनियाद है।

तहकीकात के अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर श्रवण पुरोहित की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर राजस्थान के जालोर का रहने वाला है। एक राजनीतिक दल से जुड़े इस यूजर के अकाउंट पर पॉलिटिकल पोस्ट ज्यादा होती है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राजस्थान की तस्‍वीर के नाम पर वायरल की जा रही पोस्‍ट फर्जी निकली। बांग्लादेश में हुई हिंसा की एक पुरानी तस्वीर को कुछ लोग राजस्‍थान के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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