विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि शशि थरूर की, जिस तस्वीर को भारत जोड़ो यात्रा का बताया जा रहा है, वो असल में 2019 की है और जर्मनी की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह कांग्रेस की हालिया भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर है। तस्वीर में शशि थरूर को कुछ महिलाओं के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। जिस तस्वीर को भारत जोड़ो यात्रा का बताया जा रहा है, वह असल में 2019 की जर्मनी की तस्वीर है, जब शशि थरूर ने जर्मनी के एक कॉलेज में लेक्चर दिया था।
शशि थरूर से जुड़ी फेक पोस्ट फेसबुक से लेकर ट्विटर तक पर वायरल हो रही है। Aditya Pandey (आर्काइव लिंक) नाम के फेसबुक यूजर ने शशि थरूर की पुरानी तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : “भारत जोड़ो यात्रा में केरल से पहली तस्वीर गुरु शशि थरूर जी ने डाली है।”
Asad Ansari (आर्काइव लिंक) नाम के फेसबुक यूजर ने भी इस तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करते हुए लिखा, “भारत जोड़ो यात्रा में केरल से पहली तस्वीर.. हम सबके मार्गदर्शक,यूथ आईकन”शशि-थरुर” जी ने डाली है.!गुरुजी हमेशा कि तरह व्यस्त हैं.!! “
Jayesh Tiwari Bhyana (आर्काइव लिंक) नाम के ट्विटर यूजर ने भी वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया।
हिन्दू राजेश परिहार (आर्काइव लिंक) नाम के ट्विटर यूजर ने भी वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया।
विश्वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर शशि थरूर के फेसबुक अकाउंट पर 22 अगस्त 2019 को अपलोडेड मिली। साथ में लिखा था, “My annual lecture at the Bucerius Summer School on Global Governance this year was on a pet theme, “multi-alignment in a networked world”. It’s always a pleasure to interact with some of the brightest young minds from around the world on issues of global governance,as I have done since 2001.(pix ©Zeit-Stiftung)”
अनुवाद – “इस साल ग्लोबल गवर्नेंस पर बुसेरियस समर स्कूल में मेरा वार्षिक व्याख्यान एक घरेलू विषय पर था, “एक नेटवर्क वाली दुनिया में बहु-संरेखण”। वैश्विक शासन के मुद्दों पर दुनिया भर के कुछ प्रतिभाशाली युवा दिमागों के साथ बातचीत करना हमेशा खुशी की बात है, जैसा कि मैं 2001 से करता आ रहा हूँ। (पिक्स © ज़ीट-स्टिफ्टंग)
हमें इस इवेंट को लेकर शशि थरूर का 22 अगस्त 2019 का ही एक ट्वीट भी मिला, जिसमें भी इस तस्वीर को अपलोड किया गया था। साथ में लिखा था, “My annual lecture at the @BSSZEITStiftung this year was on a pet theme, “multi-alignment in a networked world”. It’s always a pleasure to interact w/some of the brightest young minds from around the world on issues of global governance,as i’ve done since 2001.(pix ©Zeit-Stiftung)”
बुसेरियस समर स्कूल जर्मनी में होने वाली एक वार्षिक 11-दिवसीय ग्रीष्मकालीन संगोष्ठी है और ZEIT-Stiftung (ZEIT-Stiftung जर्मनी में सबसे सक्रिय निजी फाउंडेशनों में से एक है) के सबसे लंबे समय तक चलने वाले और सफल कार्यक्रमों में से एक है।
हमने इस विषय में कांग्रेस नेता प्रणव झा से संपर्क साधा। उन्होंने बताया, “इस तस्वीर को श्री थरूर ने खुद 2019 में ट्वीट किया था, जहां उन्होंने बताया था कि यह हैम्बर्ग में आयोजित एक कार्यक्रम की फोटो है, जिसमें वे 2001 से वार्षिक रूप से भाग लेते आ रहे हैं। यहाँ भाग लेने वाले प्रतिभागी अनुसंधान और छात्रवृत्ति, कला और संस्कृति से लेकर शिक्षा तक के मुद्दों पर विचार-मंथन करने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज देश को एकजुट करने के लिए विपक्षी नेताओं द्वारा “भारत जोड़ो यात्रा” जैसी पहल को बेवजह गलत तरीके से पेश और बदनाम किया जा रहा है।”
क्या है भारत जोड़ो यात्रा?
7 सितम्बर को शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक का लम्बा सफर 150 दिनों में तय किया जाएगा। भारत जोड़ो 2024 के आम चुनाव से पहले लोगों में जागरूकता पैदा करने और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए एक जन आंदोलन है। इस भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मार्च, रैलियां और जनसभाएं भी होंगी, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस यात्रा को लेकर ज़्यादा जानकारी इन ख़बरों में पढ़ी जा सकती है।
अंत में विश्वास टीम ने फर्जी पोस्ट को वायरल करने वाले Aditya Pandey नाम के फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। इस यूजर के लगभग 5000 फेसबुक फ्रैंड्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि शशि थरूर की, जिस तस्वीर को भारत जोड़ो यात्रा का बताया जा रहा है, वो असल में 2019 की है और जर्मनी की है।
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