Fact Check : कानपुर में पुलिसकर्मी पर हुए हमले की पुरानी तस्वीर को बंगाल की बताकर किया जा रहा वायरल
विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। कानपुर की पुरानी तस्वीर को अब कुछ लोग पश्चिम बंगाल की बताकर वायरल कर रहे हैं।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Oct 14, 2020 at 04:05 PM
- Updated: Nov 17, 2020 at 04:30 PM
नई दिल्ली (Vishvas)। फेसबुक पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक युवक को बेरहमी से एक पुलिसवाले पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इसे पश्चिम बंगाल का बताते हुए युवक को भाजपा का बता रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि तस्वीर का पश्चिम बंगाल से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर यूपी के कानपुर की है। 2017 में एक अस्पताल में नाबालिग से दुष्कर्म के बाद गुस्साई भीड़ सड़क पर आ गई थी। तस्वीर उसी दौरान की है। इसी घटना की एक दूसरी तस्वीर पहले भी फर्जी दावे के साथ वायरल हो चुकी है। इसे आप यहां पढ़ सकते हैं।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर अहीर मान ने 11 अक्टूबर को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘बंगाल में बीजेपी के गुंडे एक बुजुर्ग पुलिस वाले की सहायता करते हुए…’
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को ध्यान से देखा। इसमें एक युवक एक पुलिसकर्मी को गर्दन से पकड़कर जमीन पर पटकने की कोशिश करता दिखा। इस तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया।
हमें यह तस्वीर द सन नाम की एक वेबसाइट पर मिली। इस तस्वीर को लेकर जानकारी दी गई कि यह यूपी के कानपुर की घटना थी। 21 जून 2017 को अपलोड खबर में बताया गया कि कानपुर के एक अस्पताल के आईसीयू में स्कूल की छात्रा से दुष्कर्म के बाद गुस्साई भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। तस्वीर उसी दौरान की है।
पड़ताल के दौरान हमें inextlive.com वेबसाइट पर एक खबर मिली। 17 जून 2017 को पब्लिश्ड खबर में बताया गया कि कानपुर के न्यू जागृति हॉस्पिटल के आईसीयू में रेप के मामले में भीड़ का गुस्सा पुलिस की ढिलाई की वजह से फूटा। बर्रा के न्यू जागृति अस्पताल के पास सुनियोजित तरीके से भीड़ जुटी और इसके बाद हॉस्पिटल पर जमकर पत्थरबाजी की। जैसे-जैसे समय बीतता गया भीड़ उग्र होती गई। इसमें पिसे वो पुलिसकर्मी, जिनकी मंशा सिर्फ मामले को शांत कराने की थी। पूरी खबर पढ़ें।
घटना का वीडियो हमें Inextlive के यूट्यूब चैनल पर भी मिला। पूरी घटना को इस वीडियो में देखा जा सकता है।
पड़ताल के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने कानपुर स्थित आईनेक्स्ट लाइव वेबसाइट के संपादक मयंक शुक्ला से संपर्क किया। उन्होंने तस्वीर को देखकर बताया कि वायरल पोस्ट यूपी के कानपुर की है। 2017 में कानपुर में भीड़ और पुलिस में भिड़ंत हो गई थी। यह तस्वीर उसी दौरान की है।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर अहीर मान के सोशल स्कैनिंग से हमें पता चला कि यह नई दिल्ली का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। कानपुर की पुरानी तस्वीर को अब कुछ लोग पश्चिम बंगाल की बताकर वायरल कर रहे हैं।
- Claim Review : बंगाल में पुलिस पर हमला
- Claimed By : फेसबुक यूजर अहीर मान
- Fact Check : झूठ
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