Fact Check: सोलापुर में अम्बेडकर जयंती सेलिब्रेशन की साल 2017 की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रही तस्वीर साल 2017 में सोलापुर में हुए अम्बेडकर जयंती के आयोजन की है। इसका कोरोन से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सड़क पर भारी भीड़ नजर आ रही है और बीच में सजी हुई झांकियां व एक तरफ नीले रंग का शामियाना दिख रहा है। वायरल पोस्ट में इस तस्वीर के जरिए यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि कुंभ मेले पर सवाल उठाने वाले लोगों को कोरोना के दौरान मनाई गई भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर कोई एतराज नहीं है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट में किए गए दावे को गलत पाया।

दरअसल वायरल तस्वीर साल 2017 में महाराष्ट्र के सोलापुर में मनाई गई भीमराव अम्बेडकर जयंती की है। इसका कोरोना से कोई संबंध नहीं है। सोलापुर में हर साल अम्बेडकर जयंती ऐसे ही धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन पिछले साल व इस साल कोरोना के चलते वहां इस तरह का कोई सेलिब्रेशन नहीं हुआ है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर Er. Durgesh Pandey ने यह पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: जिनको #कुंभ मेले में #कोरोना दिखता है और #अम्बेडकर जयंती में कोरोना में नहीं दिखा उनको भीमटा कहते है। कोरोना हर जगह है ***।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें 7 AIMS नाम के एक वेरिफाइड ​यूट्यूब चैनल पर 24 अप्रैल 2017 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। इस वीडियो में एक मिनट से दिख रहा दृश्य वायरल तस्वीर से हूबहू मेल खाता है। वायरल तस्वीर में भी दाहिने तरफ “आनंद बौद्ध मंडल” का बैनर नजर आता है और यही बैनर इस वीडियो में भी दिखाई दे रहा है।

यूट्यूब पर इस वीडियो के साथ टाइटल में अम्बेडकर जयंती सोलापुर 2020 जयंती एट होम 2017 फ्लैश बैक्स लिखा हुआ दिखता है।

वायरल तस्वीर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने सोलापुर सदर बाजार पुलिस स्टेशन के इंचार्ज सीनियर इंस्पेक्टर कमलाकर वसंत पाटिल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर पुरानी है, क्योंकि कोरोन के संक्रमण साल 2020 व इस साल अम्बेडकर जयंती पर कोई सेलिब्रेशन नहीं हुआ है।

हालांकि, पिछले साल भी और इस साल अम्बेडकर जयं​ती को सेलिब्रेट करने के लिए कई जगहों से कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन की खबरें भी सामने आईं, लेकिन वायरल हो रही तस्वीर इस साल की नहीं है।

अब बारी थी ट्विटर पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Shahin Patel की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर पेशे से इंजीनियर है और खबर लिखे जाने तक इसके ट्विटर अकाउंट पर 831 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रही तस्वीर साल 2017 में सोलापुर में हुए अम्बेडकर जयंती के आयोजन की है। इसका कोरोन से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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