Fact Check : त्र‍िपुरा हिंसा के नाम पर वायरल हुई दिल्‍ली के रोहिंग्या कैंप की पुरानी तस्‍वीर

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में त्र‍िपुरा हिंसा के नाम पर वायरल हुई तस्‍वीर फेक निकली। दरअसल दिल्‍ली के रोहिंग्‍या कैंप में लगी आग की एक तस्‍वीर को कुछ यूजर्स त्र‍िपुरा की बताकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। त्रिपुरा में हिंसा के बीच सोशल मीडिया में कई फर्जी पोस्‍ट भी वायरल हो रही हैं। अब एक तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह फोटो कुरआन को उठाते मुसलमान की है। इसमें दो शख्‍स को कुछ धार्मिक किताबों को थामे हुए देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। पड़ताल में पता चला कि कुछ महीने पहले दिल्‍ली के रोहिंग्‍या कैंप में आग लग गई थी। जिसके बाद लोगों ने अपनी धार्मिक किताबों को अपने जले हुए घरों से बचाकर बाहर निकाला। उसी वक्‍त की तस्‍वीर को अब त्र‍िपुरा हिंसा से जोड़ते हुए वायरल किया जा रहा है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर एमडी ओलिउल्लाह ने 29 अक्‍टूबर को एक तस्‍वीर को शेयर करते हुए दावा किया : ‘त्रिपुरा में जली हुई कुरआन को उठाते मुसलमान।’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच समझकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच के लिए गूगल रिवर्स इमेज और यान्‍डेक्‍स सर्च का सहारा लिया। ओरिजनल और सबसे पुरानी तस्‍वीर हमें इंस्‍टागाम पर मिली। 13 जून को प्रकाशित इस तस्‍वीर को लेकर बताया गया कि दिल्‍ली के कंचनकुंज के रोहिंग्‍या कैंप में आग लगने के बाद की यह तस्‍वीर है। इसे यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

https://www.instagram.com/p/CQCmMmmnvh7/?utm_source=ig_embed&ig_rid=b6a6a590-c64e-4414-9a2b-bc989b5a085d

पड़ताल के दौरान आसिफ मुजतबा के ट्विटर हैंडल पर भी हमें यह तस्‍वीर मिलीं। 28 अक्‍टूबर को आसिफ ने लिखा कि वायरल तस्‍वीर दिल्‍ली के कंचनकुंज के रोहिंग्‍या कैंप में आग लगने की है। त्रिपुरा की नहीं। पूरा ट्वीट नीचे पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए आसिफ मुजतबा से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर त्रिपुरा की नहीं है। यह दिल्ली के कंचनकुंज के रोहिंग्‍या कैंप में लगी आग की तस्‍वीर है। घरों में आग फैलने के बाद लोगों ने अपनी धार्मिक किताबों को सुरक्षित निकाला। इस तस्‍वीर को उनके दोस्‍त मोहम्‍मद मेहरबान ने क्लिक की थी।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर एमडी ओलिउल्लाह की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर दुमका का रहने वाला है। इससे ज्‍यादा जानकारी हमें इसके अकाउंट से नहीं मिली।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में त्र‍िपुरा हिंसा के नाम पर वायरल हुई तस्‍वीर फेक निकली। दरअसल दिल्‍ली के रोहिंग्‍या कैंप में लगी आग की एक तस्‍वीर को कुछ यूजर्स त्र‍िपुरा की बताकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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