विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल तस्वीर राजस्थान के एक विरोध प्रदर्शन की है। इसका यूपी से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही सोशल मीडिया में फर्जी पोस्ट की बाढ़-सी आ गई है। अब एक तस्वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में भाजपा कार्यालय के सामने ब्राह्मणों ने भाजपा के झंडे जलाकर भाजपा को वोट न देने की अपील की। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। राजस्थान की एक पुरानी तस्वीर को अब वायरल करते हुए फर्जी दावा किया गया। इससे पहले भी यह तस्वीर बिहार के नाम पर वायरल हो चुकी है।
फेसबुक यूजर Pandit Chandrahas Joshi ने एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में #भाजपा कार्यालय के सामने #ब्राह्मणों ने भाजपाकेझंडे_जलाकर भाजपा को वोट न देने की अपील की!’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया। इसके आकाईव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज वायरल तस्वीर की पहले भी एक बार जांच कर चुका है। तस्वीर को ध्यान से देखने पर हमें भाजपा का कार्यालय और एक नेता का पोस्टर दिखा, जिन्होंने राजस्थानी पगड़ी पहनी हुई थी। इसी आधार पर संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें राजस्थान के स्थानीय अखबार की एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि तस्वीर वाली घटना कोटपुतली में कई साल पहले हुई थी। खबर में बताया गया कि भाजपा की पांचवीं सूची में कोटपुतली सीट पर जब मुकेश गोयल का नाम आया तो हंसराज पटेल ने बागी उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकते हुए अपना नामांकन दाखिल कर दिया। देर शाम मुख्य चौराहे के पास पटेल समर्थकों ने पार्टी के झंडे जलाते हुए यूपी भाजपा के संगठन महामंत्री व कोटपुतली वासी सुनील बंसल व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के पुतले फूंककर नारेबाजी की। यह खबर 20 नवंबर 2018 को पब्लिश हुई थी।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण, देवरिया के ब्यूरो प्रमुख महेंद्र त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर देवरिया की नहीं है। ऐसी कोई भी घटना उनके जिले में नहीं हुई है।
पुरानी पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ें।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फेसबुक यूजर Pandit Chandrahas Joshi की जांच की। हमें पता चला कि यूजर के दो हजार से ज्यादा दोस्त हैं। यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल तस्वीर राजस्थान के एक विरोध प्रदर्शन की है। इसका यूपी से कोई संबंध नहीं है।
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