Fact Check : मुंबई की गड्ढे वाली सड़क की पुरानी तस्‍वीर को किया गया वाराणसी के नाम से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। मुंबई की सड़क की एक पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग अब वाराणसी की बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक सड़क की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें गड्ढे ही गड्ढे देखे जा सकते हैं। यूजर्स इसे वाराणसी की बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो पता चला कि इस तस्‍वीर का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। मुंबई की एक पुरानी फोटो को कुछ लोग फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। फोटो को क्लिक करने वाले फोटोग्राफर एसएल सनत कुमार ने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि यह मुंबई की पुरानी तस्‍वीर है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर शशांक सिंह ने 4 सितंबर को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा : “नासा के सेटेलाइट ने बताया कि चाँद पर लोग आते जाते देखे जा रहे हैं, लेकिन PWD ने खंडन करते हुए कहा कि यह वाराणसी की उनकी सड़क है…”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आकाईव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वाराणसी के नाम से वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। इससे हमें पता चला कि यह तस्‍वीर पिछले कुछ सालों से देश के अलग-अलग इलाकों के नाम पर वायरल है। हमें आउटलुक की वेबसाइट पर 7 अगस्‍त 2017 को अपलोड एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि यह तस्‍वीर मुंबई की थी। इसे टाइम्‍स ऑफ इंडिया के फोटोग्राफर एसएल सनत कुमार ने क्लिक की थी। उस वक्‍त इस तस्‍वीर को कर्नाटक की बताकर वायरल की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

वायरल तस्‍वीर टाइम्‍स ऑफ इंडिया के मुंबई संस्‍करण में 23 जुलाई 2017 को पब्लिश हुई थी। यह सड़क मुंबई के प्रतीक्षा नगर की थी।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने फोटोग्राफर एसएल सनत कुमार से संपर्क किया। उन्‍होंने इंस्‍टागाम के जरिए हमें बताया कि यह मुंबई की पुरानी तस्‍वीर है। इसे उन्‍होंने ही क्लिक किया था।

पड़ताल के अंत में हमने मुंबई की सड़क को वाराणसी की बताकर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। हमें पता चला कि यूजर शशांक सिं वाराणसी के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को जनवरी 2015 में बनाया गया था। इसे 1217 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। मुंबई की सड़क की एक पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग अब वाराणसी की बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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