Fact Check: पुलिसवाले की पिटाई का फोटो गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा सही नहीं है। असल में यह 2017 की घटना है, जब दो हिंदू पुरुषों ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल पर हमला किया था। घटना को गलत सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आजकल कुछ फोटो वायरल हो रहे हैं। पहली तस्वीर में एक पुलिस की वर्दी पर लगा खून देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में एक घायल व्यक्ति देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह चेन्नई की घटना है,जहां कुछ मुस्लिम लोगों ने एक पुलिसवाले की पिटाई कर दी थी। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा सही नहीं है। असल में यह 2017 की घटना है, जब दो हिंदू पुरुषों ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल पर हमला किया था। घटना को गलत सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल पोस्ट में 2 तस्वीरें हैं। पहली तस्वीर में एक पुलिस की वर्दी पर लगा खून देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में एक घायल व्यक्ति को देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है, “Chennai becoming a Mini Pakistan. Assistant Inspector Akhilan, who tried to stop 3 Muslin youths in Tiruvallikeni area from abusing women under the influence of cannabis at Marina Beach, was attacked severely. Hundreds of Muslims besiege police.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “चेन्नई मिनी पाकिस्तान बन रहा है। मरीना बीच पर भांग के प्रभाव में महिलाओं से दुर्व्यवहार करने वाले तिरुवल्लिकेनी क्षेत्र में 3 मुस्लिम युवकों को रोकने की कोशिश करने वाले सहायक निरीक्षक अखिलन पर गंभीर हमला किया गया। सैकड़ों मुसलमानों ने पुलिस को घेर लिया”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहांं देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट किया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर 2017 की एक फेसबुक पोस्ट में मिली, जिसके साथ वायरल पोस्ट वाला ही क्लेम किया गया था। इससे यह साफ़ हुआ कि यह तस्वीर 2017 से इंटरनेट पर मौजूद है।

अब हमने टाइम टूल और कीवर्ड सर्च की मदद से ढूंढा कि क्या चेन्नई में पुलिस वाले की पिटाई की ऐसी कोई घटना हुई थी? हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पब्लिश्ड एक खबर मिली, जिसमें ऐसी एक घटना का ज़िक्र था। खबर के मुतबिक, “यह घटना 20 अगस्त, 2017 की रात मरीना बीच पर हुई थी। सशस्त्र आरक्षित बल के एक सिपाही अकिलन ने अपनी गश्त ड्यूटी के दौरान मरीना बीच पर शराब का सेवन करते दो युवकों को देखा था। जब उन्होंने दोनों को शराब न पीने को कहा, तो दोनों में बहस हो गयी जिसके परिणामस्वरूप लड़ाई हुई, जहां पुलिस कॉन्स्टेबल पर तेज धारदार हथियार से हमला किया गया।” खबर के अनुसार, मरीना बीच पुलिस ने बाद में आरोपी को गिरफ्तार किया और उसे हत्या के प्रयास के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। खबर के मुताबिक, आरोपी का नाम हरि राम था।

ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने मरीना पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जयराज से संपर्क साधा। उन्होंने कहा “यह घटना तीन साल पुरानी है। इस पर मुकदमा अभी भी चल रहा है। घटना के दोनों आरोपी हिंदू थे। इसमें कोई कम्युनल एंगल नहीं था।”

इस पोस्ट को Raji Hindustani @RajiIndustani नाम के ट्विटर हैंडल ने शेयर किया था। इनके कुल 11.5K फ़ॉलोअर्स हैं।


निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा सही नहीं है। असल में यह 2017 की घटना है, जब दो हिंदू पुरुषों ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल पर हमला किया था। घटना को गलत सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

False
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