बसपा प्रमुख मायावती ने अक्टूबर 2020 में सपा को एमएलसी चुनाव में हराने के लिए यह बयान दिया था। बाद में मायावती ने गठबंधन से इनकार कर दिया था। 2022 के चुनाव में भी बसपा ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर न्यूजपेपर की एक कटिंग वायरल हो रही है। इसमें टाइटल है, भाजपा से मिल सपा को हराएंगे। इसका सबहेड है, विधायकों की बगावत से भड़कीं मायावती ने की सपा को सबक सिखाने की घोषणा। खबर के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी में विधायकों की बगावत से भड़कीं मायावती ने सपा को हराने के लिए भाजपा व अन्य पार्टियों का साथ देने का ऐलान किया है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में इस खबर को करीब एक साल पुराना पाया। मायावती ने यह ऐलान एमएलसी चुनाव के लिए किया था। बाद में उन्होंने भाजपा का साथ नहीं देने की बात भी की थी। फिलहाल बसपा ने 2022 में अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक पेज We Support Abhay Dubey पर 12 दिसंबर को न्यूजपेपर की इस कटिंग को पोस्ट किया गया है। साथ में लिखा है, जी बहन जी समझ गए हम, शुक्रिया। आप भाजपा का साथ दो।
फेसबुक यूजर्स Babu Bhai और हमारा हिंदुस्तान प्यारा सा हिन्दुस्तान ने भी इसको पोस्ट किया है।
कुछ ट्विटर यूजर्स ने भी न्यूजपेपर की इस कटिंग को पोस्ट किया है।
पड़ताल
वायरल हो रही न्यजूपेपर की कटिंग की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले खबर को ध्यान से पढ़ा। खबर में राज्यसभा चुनाव और विधानपरिषद चुनाव का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्यसभा चुनाव का बदला विधान परिषद चुनाव में सपा को हराकर लिया जाएगा। इसके बाद हमने कीवर्ड की मदद से न्यूज सर्च की। इसमें हमें 29 अक्टूबर 2020 को दैनिक जागरण में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ किए गए गठबंधन को बड़ी भूल बताया है। उन्हें इसका लाभ नहीं हुआ है। उन्होंने एनडीए को सत्ता में आने से रोकने के लिए यह गठबंधन किया था। सपा को सबक सिखाने के लिए वह भाजपा को भी वोट देंगी। बसपा एमएलसी चुनाव में पूरा जोर लगाएगी। विधान परिषद चुनाव में वे सपा उम्मीदवारों को जीतने नहीं देंगे। इसके लिए अगर उन्हें भाजपा या किसी अन्य दल को वोट देना पड़ेगा तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे।
हमें इससे संबंधित 29 अक्टूबर 2020 का ANI का ट्वीट भी मिला। इसमें भी मायावती ने एमएलसी चुनाव में सपा उम्मीदवार को हराने के लिए भाजपा या किसी भी अन्य दल के प्रत्याशी को वोट देने की बात कही है।
इसके कुछ दिन बाद 2 नवंबर 2020 को zee news में प्रकाशित खबर के अनुसार, मायावती ने भाजपा के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की विचारधारा भाजपा से नहीं मिलती है। उनकी पार्टी का भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है और न ही वह उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी।
इसकी पड़ताल के लिए हमने और सर्च किया। इसमें 25 नवंबर 2021 को oneindia में छपी रिपोर्ट का लिंक मिला। इसके मुताबिक, बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि 2022 के चुनाव में वह भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे।
बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, यह सब मनगढ़ंत है। 2022 में बसपा भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज We Support Abhay Dubey की प्रोफाइल की हमने स्कैनिंग की। पेज पर एक विचारधारा से प्रेरित कई पोस्ट की गई हैं। इस पेज को 2 लाख 21 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: बसपा प्रमुख मायावती ने अक्टूबर 2020 में सपा को एमएलसी चुनाव में हराने के लिए यह बयान दिया था। बाद में मायावती ने गठबंधन से इनकार कर दिया था। 2022 के चुनाव में भी बसपा ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है।
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